ओणेश्वर पहुंचे मुख्यमंत्री ने की अनेकों घोषणाएं

ओणेश्वर पहुंचे मुख्यमंत्री ने की अनेकों घोषणाएं
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गढ़ निनाद * 22फ़रवरी 2020

नई टिहरी/प्रताप नगर: आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत ने प्रतापनगर स्थित ओणेश्वर माहदेव मंदिर परिसर में शिवरात्री के अवसर पर आयोजित दो दिवसीय पर्यटन, एवं विकास मेले का समापन किया। उन्होंने ओणेश्वर मंदिर में पूजा अर्जचना के बाद टीएचडीसी सीएसआर मद से निर्मित भव्य पंडाल का लोकार्पण कर जनता को संबोधित करते हुए कई घोषाणयें की।

मेले के समपान अवसर पर उन्होंने कई घोषाणाएं भी की। घोषणाओं में ओणेश्वर मंदिर का सौन्दर्यकरण, लम्बगांव में पार्किंग निर्माण, जाखणीधार क्षेत्रांतर्गत खोला मोटर मार्ग एक  किलोमीटर, मदननेगी-मोटणा मोटर मार्ग निर्माण, जाखणीधार में भद्रेश्वर मन्दिर मोटर मार्ग निर्माण, केन्द्रीय विद्यालय सौड मोटर मार्ग की मरम्मत शामिल है।

डोबरा-चांठी पुल निर्माण को 88 करोड़ पहले ही दे चुके

मुख्यमंत्री ने कहा कि टिहरी डैम के बनने से प्रताप नगर क्षेत्र व्यापक रुप से प्रभावित हुआ है। डोबरा-चांठी पुल जल्दी बने इसके लिए सरकार ने 88 करोड़ रुपये की धनराशि एकमुश्त निर्माणदायी संस्था को उपलब्ध करायी है। उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य की समस्याओं को प्राथमिकता, पारदर्शिता व सटीक तरीके से निस्तारित कर रही है। 

2022 तक सभी गांवों को सड़क से जोडने का लक्ष्य

कहा कि प्रदेश सरकार ने वर्ष 2022 तक प्रदेश के प्रत्येक गांव को सड़क से जोडने का लक्ष्य रखा है जिनका निर्माण कार्य गतिमान है। इसके अलावा राज्य के प्रत्येक गाॅव के हर घर को विद्युत से जोड़ना, राज्य को खुले में शौच से मुक्त करने में सफलता हासिल की है। उन्होने कहा कि सरकार राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को दुरुस्त करने का कार्य प्राथमिकता से कर रही है जिसमें उत्तराखण्ड अटल आयुषमान योजना के तहत एक वर्ष में 1 लाख 29 हजार मरीज़ों का निशुल्क इलाज़ किया गया जिसपर कुल 112 करोड़ रुपये का व्यय सरकार द्वारा किया गया है।

जल्दी ही प्रदेश में चिकित्सकों की संख्या होगी 2500

वही प्रदेश के दुरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में गुणवत्ता व सुधार लाने के लिए 335 और चिकित्सकों की भर्ती की प्रक्रिया जारी है। 335 चिकित्सकों की नियुक्ति के उपरान्त प्रदेश में चिकित्सकों की संख्या लगभग 2500 हो जायेगी, जिससे स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार आयेगा। उन्होने कहा कि प्रदेश में जहां पहले प्रसव के दौरान महिलाओं की मृत्यु दर 1 लाख पर 284 थी उसको दुरुस्त करते हुए 84 पर लाया गया है।वहीं प्रदेश में संस्थागत प्रसव की दर में भी निरंतर वृद्धि हुई है।


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