सावधान: कोरोना संकट में टिड्डी दल का आगमन

सावधान: कोरोना संकट में टिड्डी दल का आगमन
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गोविंद पुण्ड़ीर, गढ़ निनाद न्यूज़ * 28 मई 2020
नई टिहरी: टिड्डी दल की उत्तराखंड आगमन की सूचना से सरकार के माथे पर लकीरें साफ दिखती हैं। एक ओर कोरोना संकट और ऊपर से इन बिन बुलाये टिड्डों के आगमन की संभावित खबर का मतलब संकट पर संकट। जी हां पडोसी राज्यों से बड़ी संख्या में टिड्डी दल के उत्तराखंड पहुँचने की खबर है। कोरोना वायरस संकट के बीच यह संकट किसी नयी चुनौति से कम नहीं है। यह हमारी खाध्य सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है। टिड्डी दल हरी फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुँचाता है। खासतौर पर मक्का, गन्ना, मूँग, उड़द, हरी सब्जी, आम व अन्य फसलों को भारी नुकसान पहुंचाता है।

संयुक्तराष्ट्र के खाद्य और कृषि संगठन ने पिछ्ले दिनों ही इसके संकेत दे दिये थे। इस आसन्न संकट के चलते उत्तराखंड के कृषि मंत्री सुबोध उनियाल ने विगत दिवस अधिकारियों की एक महत्वपूर्ण बैठक कर इससे निपटने के लिए स्पष्ट निर्देश दिये हैं। उनियाल ने कहा कि टिड्डी दल से बचाव के लिए सरकार ने उत्तराखंड के सभी जिलों में अलर्ट जारी कर दिया है।

कृषि मंत्री ने अधिकारियों की समीक्षा बैठक में टिड्डी दल से होने वाले संभावित खतरे से अवगत कराते हुए रोकथाम के लिए सभी जिलों को पर्याप्त मात्रा में क्लोरोपाइरिफोस, लैबंडा,साईहैलोथरीन आदि दवाएं उप्लब्ध करवाने के निर्देश दिये हैं। 

अधिकारियों ने बताया कि कई दशकों बाद टिड्डी दल आया है। टिड्डी दल दिन के समय नए क्षेत्रों में प्रवेश करता है और रात को खेतों में आराम करता है। बता दें कि पिछ्ले साल टिड्डियां सर्दी मे भी जिंदा रही और गर्मी पडते ही फैलने लगी थी। जिससे अनेक जिलों में फसल बर्बाद हो गयी थी।

टिड्डी अन्य प्रजातियों में सबसे ज्यादा खतरनाक होती है। यह फसलों को चट्ट कर जाती है, और फसल चट्ट करने का मतलब अकाल को न्योता। यह कम समय में ही अपनी संख्या में बड़ी भारी बढ़ोतरी करती है। वैज्ञानिको का मानना है कि यदि गर्मियों में इनपर काबू नहीं पाया गया तो बरसात होते ही इनकी संख्या बढ़ जाती है।

बहरहाल सरकार अलर्ट मोड में दिख रही है। इस संकट से निपटने में कितनी कारगर साबित हो सकती है यह समय बताएगा।

पाकिस्तान से टिड्डी दल (Locust Swarm) ने राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और मध्य प्रदेश में प्रवेश किया है, जिससे फसलों को बड़ा नुकसान हुआ है।

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