और..पुत्र वियोग सहन नहीं कर पाये राजा दशरथ

और..पुत्र वियोग सहन नहीं कर पाये राजा दशरथ
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“अवध में क्या मुख ले जाऊं, कहॅू क्या पूछे जब राजा” सुन फफक-फफक कर रो उठे दर्शक।

*पुत्र वियोग सहन न कर पाने से राजा दशरथ ने त्यागे अपने प्राण*

*राम को मिलने वन पहुँचे भरत का दृश्य देख दर्शकों की आंखे छलछला उठी*

कुलबीर बिष्ट।

गढ़ निनाद समाचार* 31 जनवरी 2021

पीपलकोटी। श्री केदार बद्री मानव श्रम समिति रूद्रप्रयाग के तत्वाधान में पतंजलि महिला रामलीला के चतुर्थ दिवस की लीला में पुत्र से बिछडने के कारण राजा दशरथ ने अपने प्राण त्यागे उसके बाद राम भरत मिलाप के दृश्य को देख दर्शक भाव विभोर हो गये व पाण्डाल में ही फफक-फफक कर रोने लगे।

पंचम दिवस की लीला का शुभारम्भ बण्ड विकास संगठन के अध्यक्ष शम्भू प्रसाद सती व संगठन के तमाम पदाधिकायिों ने दीप प्रज्वलित करके किया गया। चतुर्थ दिवस की लीला मे सबसे पहले राम, लक्ष्मण सीता को वन छोडकर सुमन्त अयोध्या पहुँचते हैं, राजा दशरथ सुमन्त के साथ राम को नहीं देखते हैं तो अपने पुत्र वियोग में वे अपने प्राणों को त्याग देते हैं, उसके बाद भरत अपने ननिहाल से राम के राज्याभिषेक के लिए आयोध्या पहॅुचते हैं तो अयोध्या का माहौल सुनसान देख वे सुमन्त से पूछते हैं कि ये राज्याभिषेक की जगह मायूसी क्यों छायी हुयी है तो सुमन्त द्वारा इस दुखद घटना की जानकारी भरत को दी जाती है। भरत अपना पूरा राज्य छोडकर तुरन्त अपने भाई राम से मिलने वन पहॅुच जाते हैं, तो भरत भी राम के साथ वन में रहने की जिद करते हैं। 

राम उन्हें समझाते हैं और वापस अयोध्या लौट जाने को कहते हैं तब भरत अपने भाई राम को वचन देते हैं कि जब तक आप 14 वर्ष का वनवास पूरा कर अयोध्या नहीं लौट आते तब तक में आयोध्या की राज गद्दी की सेवा करूँगा व आपके लौटने पर ही आपका राज्याभिषेक होगा। ये सारा दृश्य देख दर्शकों की आंखे छलछला उठी।

राम की भूमिका में राजेश्वरी पंवार, लक्ष्मण बीरा फरस्वाण, सीता आरती गुसाई, सुमन्त लक्ष्मी साह, दशरथ लक्ष्मी रावत, भरत लीला संगोला, शत्रुघन पुष्पा रावत, कौशल्या मीना राणा, कैकयी कल्पेश्वरी विष्ट, मन्थरा परमेश्वरी बिष्ट, दशरथ लक्ष्मी रावत, केवटी सुनीता साह, केवट की भूमिका लक्ष्मी साह थे। 

इस अवसर पर बण्ड अध्यक्ष शम्भू प्रसाद सती, पूर्व अध्यक्ष अतुल शाह, पूर्व महामंत्री हरीश पुरोहित, पूर्व महामंत्री विजय मलासी, प्रदेश शिक्षक संघ के अध्यक्ष कमल किशोर डिमरी, पूर्व क्षेपं सदस्य बाटुला सुनील कोठीयाल, पूर्व जिला पंचायत सदस्य देवेन्द्र नेगी, रूप सिंह गुसाई, मदन डंडरियाल, शिवा देवी, हेमलता बिष्ट, रोशनी नेगी, सरोजनी रावत, उपस्थित थे।


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Govind Pundir

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