उत्तराखंड राज्य आंदोलन, भुलाये गये नींव के पत्थर-6

उत्तराखंड राज्य आंदोलन, भुलाये गये नींव के पत्थर-6
Please click to share News

बिनकखाल का छात्र आंदोलन 

विक्रम बिष्ट

गढ़ निनाद समाचार* 26 फरवरी 2021

नई टिहरी। नवंबर 1987 को दिल्ली रैली में युवा उक्रांद के कुछ नेताओं ने विद्रोह कर दिया था। इसके पीछे कई कारण थे, कुछ तात्कालिक भी। यह लंबी कहानी है। उक्रांद के लिए वह पहला सबसे तगड़ा झटका था। 

19-20 दिसंबर को इन विद्रोही युवाओं के साथ कई उत्तराखंड समर्थकों की टिहरी में बैठक हुई और उत्तराखंड जन परिषद नाम का एक जुझारू  संगठन का जन्म हुआ। राज्य नहीं तो चुनाव नहीं इसी संगठन का नारा था। ‘ राजीव गांधी जवाब दो उत्तराखंड राज्य दो’ इन दो पंक्तियों का अनूठा बैरंग अभियान परिषद ने शुरू किया।

उत्तराखंड में शिक्षा स्वास्थ्य जैसी मौलिक सुविधाओं की खामियों को लेकर परिषद ने आनंद आंदोलन शुरू किया।

भिलंगना ब्लॉक के विनक खाल इंटर कॉलेज में इसके तहत तालाबंदी शुरू की गई। यूं तो इस आंदोलन को बासर और थाती कठूड पट्टियों के अधिकांश जन प्रतिनिधियों का समर्थन प्राप्त था। लेकिन इसकी अगुवाई विद्यालय के छात्र रायचन्द राणा डाल गांव, राजेंद्र राणा चानी और उसके साथी कर रहे थे। आंदोलन लगभग 2 माह चला। जिला प्रशासन ने हस्तक्षेप किया और टिहरी से मय फोर्स एसडीएम विनक खाल पहुंचे। छात्रों की अनुपस्थिति में ताले खोल दिए गए थे।

जैसे ही खबर फैली उत्तेजित छात्र प्रशासनिक अमले को घेरने दौड़ पड़े। छात्रों ने चानी में एसडीएम सहित सरकारी अमले को रोक लिया। उन्होंने एसडीएम पर वापस विनक खाल  लौटकर विद्यालय के दफ्तर पर ताला लगाने का दबाव डाला। छात्र साथ में घोड़ा लेकर आए थे। तीखी झड़प के बीच एसडीएम ने आश्वासन दिया कि वह टिहरी लौटकर डीएम साहब से उनकी समस्याओं का निदान करवा देंगे।

इसके बाद छात्रों के जत्थों में चमियाला इंटर कॉलेज सहित बाल गंगा घाटी के कई विद्यालयों को बंद करवा दिया।…..जारी।


Please click to share News

Govind Pundir

Related News Stories