4 मार्च- राष्ट्रीय सुरक्षा दिवस
 
						डॉ. सुरेंद्र सेमल्टी
गढ़ निनाद समाचार* 4 मार्च 2021।
करता है राष्ट्र प्रगति तब, पूर्ण सुरक्षित रहता है जब।
देश में रहते जितने भी जन, मिले हुए हों उनके मन।
एकता और अखंडता का स्वर, रखे अपने मन में हर नर।
समरसता इससे आयेगी, हर जाति धर्म को वह भायेगी।
धर्म क्षेत्र भाषा की दीवार, दुख देते ये ज्यों कंटीले तार।
राष्ट्र उलझता इनमें जब,असुरक्षित हो जाता है तब।
झगड़े-दंगे और आतंकवाद, होता देश इनसे पूर्ण बर्बाद।
बाहरी शक्ति की गिद्ध दृष्टि, रचने लगती है तब कु दृष्टि।
जागता है तब राष्ट्र संकट, कुचक्र चलाने लगते लंकट।
युद्ध छिड़ जाता राष्ट्र में तब, छिन्न-भिन्न हो जाता है सब।
हर प्रकार का रुक जाता विकास, होने लगता जन धन का विनाश।
ले मन में सब जन ऐसा प्रण, हम आने ना देंगे ऐसा क्षण।
फिर तो विकास की सभी सीढ़ियां,चढ़ लेंगी आने वाली पीढ़ियां।
जब राष्ट्र रहेगा शांत संपन्न, तब पवित्र रहेंगे हम सबके मन।
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