15 अगस्त: स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त: स्वतंत्रता दिवस
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डॉ. सुरेंद्र दत्त सेमल्टी*

हुआ देश स्वतंत्र हमारा,

पन्द्रह अगस्त है हमको प्यारा। 

कयी पीढ़ियों से थे बंदी, 

हरकत करते थे वो गंदी। 

इच्छा से कुछ नहीं होता था,

हर हिन्दुस्तानी रोता था। 

शासन उसकी नहीं सुनता था, 

हर जन मन ही मन जलता था। 

जब अन्यों के साथ कूदे गांधी,

तब आयी देश के भीतर आन्धी।

भारतवासियों अब तुम जागो,

यै फिंरगियों तुम यहां से भागो ।

झेले कई तरह के कष्ट,

हुआ देश का जन धन नष्ट ।

राष्ट्र प्रेमियों ने जब भरी हुंकार, 

डरे फिरंगी सुनकर फुंकार। 

हिंदुस्तान के जन जब जागे,

अंग्रेज देश छोडकर  तब भागे।  

तब जाकर के इस दिन हमको,

मिली स्वतंत्रता हर भारत जन को।

हर वर्ष मनाते इस दिन को हम, 

यह भरता हम मे है दम। 

करते हैं राष्ट्र भक्तों का वंदन,

उनके माथे पर लगाते चन्दन।


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Govind Pundir

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