अंधेरगर्दी: कार्मिक को 2013 से मूल तैनाती स्थल में नहीं दी गई ज्वाइनिंग, कार्मिक तब से कर रहा है मामले की निष्पक्ष जांच की मांग

अंधेरगर्दी: कार्मिक को 2013 से मूल तैनाती स्थल में नहीं दी गई ज्वाइनिंग, कार्मिक तब से कर रहा है मामले की निष्पक्ष जांच की मांग
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नई टिहरी। मूल तैनाती आदेश में कूट रचना कर कार्मिक को पिछले आठ वर्षों से मूल तैनाती स्थल पर ज्वाइनिंग न देने और न ही वेतन देने का मामला सामने आया है। वर्ष 2013 में हिल्ट्रॉन के 20 कार्मिकों का प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय हल्द्वानी में समायोजन किया गया था। उनमें से एक आनंद प्रकाश घिल्डियाल को विभाग ने आईटीआई टिहरी में भंडारी पद पर तैनाती के आदेश जारी किए थे।

लेकिन की लापरवाही एवं दस्तावेजों में कूट रचना कर घिल्डियाल को पिछले आठ वर्षों से न्याय के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है। वह अपने उच्च अधिकारियों समेत मुख्यमंत्री तक उक्त मामले की निष्पक्ष जांच करने की अपील कर चुके हैं लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हो पायी।

घिल्डियाल का कहना है कि अपर सचिव/ निदेशक प्रशिक्षण सेवायोजन निदेशालय हल्द्वानी द्वारा दिनांक 20 सितंबर 2013 को आई0टी0आई0 में स्वीकृत भंडारी पद के सापेक्ष सहायक भण्डारी पद पर तैनात श्री सुखदेव लखेड़ा का स्थानान्तरण राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान थौलधार टिहरी और श्री आनंद प्रकाश घिल्डियाल का भंडारी पद पर  राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नई टिहरी के आदेश जारी किए गए थे। इन आदेशों के बाबजूद लगभग आठ वर्ष बीत जाने के बाद भी उन्हें उनके मूल तैनाती स्थल टिहरी में ज्वाइनिंग नहीं दी गयी है और न ही वेतन दिया गया।

उन्होंने निदेशक प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय हल्द्वानी, नैनीताल को मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक पत्र भेजा है। जिसमें कहा है कि कार्यालय आदेश संख्या 7456-63 सितंबर 2013 दिनांक 2 नवंबर 2013 के तहत उन्हें राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान नई टिहरी में भंडारी पद पर तैनाती के आदेश किए गए थे। उस समय मूल आदेश हस्तगत कराने के बजाय 6 नवंबर 2013 को एक प्राप्ति रसीद में उनसे हस्ताक्षर कराए गए। बाद में मूल आदेश में छेड़छाड़ करते हुए एक और सूची जोड़ी गई। जिसमें दो लोगों के हस्ताक्षर हैं, लेकिन पद नाम का जिक्र तक नहीं है। साफ है कि मूल आदेश की आड़ में कुछ चहेतों को सुविधाजनक जगहों पर तैनाती देने का प्रयास किया गया है। 

घिल्डियाल ने बताया कि इस सम्बंध में माननीय उच्च न्यायालय में बाद दाखिल किया गया। माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल के बाद संख्या 223/746 में कार्यालय आदेश पत्रांक 7456-63 सितम्बर 2013 तदिनांकित 2.11.2013 के क्रमशः पृष्ठ 02 के सीरियल नं० 6 रिक्त एवं सीरियल नं0 7 रिक्त के साथ एक कूटरचित भंडारी पद हेतु संस्थानों का विवरण जोड़ा गया है जो कि कार्यालय आदेश का भाग नहीं था । याने विभाग ने मूल आदेश न्यायालय के सामने पेश किया ही नहीं गया। जिससे उन्हें न्यायिक प्रक्रिया से वंचित किया गया तथा माननीय उच्च न्यायालय को गुमराह किया गया। 

कर्मी ने राजकीय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान टिहरी के आदेश की प्रति उप निदेशक प्रशिक्षण सेवायोजन निदेशालय की पत्रावली से गायब होने का आरोप लगाते हुए मामले की उच्चस्तरीय जांच करने तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग की है।


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Govind Pundir

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