श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना मेरा लक्ष्य- कुलपति ध्यानी

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना मेरा लक्ष्य- कुलपति ध्यानी
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ऋषिकेश/ नई टिहरी। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ पी०पी०ध्यानी ने  कहा कि श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के ऋषिकेश परिसर को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करना मेरा लक्ष्य है। उन्होंने पं ललित मोहन शर्मा पीजी कॉलेज को श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का परिसर बनाने में महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचन्द अग्रवाल और उच्च शिक्षा मंत्री डा० धन सिंह रावत का आभार जताया।

शिक्षकों का संविलियन (मर्जर) की प्रक्रिया गतिमान

डॉ ध्यानी ने कहा कि महाविद्यालय में स्वीकृत पदों के सापेक्ष शिक्षकों का संविलियन (मर्जर) की प्रक्रिया गतिमान है । कल 30 शिक्षकों का 13 विषयों में समायोजन हो चुका है अभी प्रक्रिया जारी है। इस पूरी प्रक्रिया में विश्वविद्यालय के मान्यता प्रभारी सुनील नौटियाल प्र० कुलसचिव प्रो० एम०एस० रावत और उपकुलसचिव खेमराज भट्ट की अति महत्वपूर्ण भूमिका रही है। जिसके लिये वे साधुवाद के पात्र हैं। 

रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की होगी शुरुआत

कुलपति डा० ध्यानी सभी समायोजित शिक्षकों का विश्वविद्यालय की सेवा में आने पर स्वागत कर रहे हैं और उन्हें शैक्षणिक उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिये प्रोत्साहित कर रहे हैं और साथ ही साथ उन्हें 15 दिनों का टास्क भी दे रहे हैं ताकि ऋषिकेश परिसर में व्यापक छात्र हित में वर्तमान सत्र से विभिन्न रोजगारपरक पाठ्यक्रमों की शुरुआत हो सके।

प्रेमचंद अग्रवाल, डॉ धन सिंह रावत व ट्रस्ट का जताया आभार

विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ ध्यानी ने आज ऋषिकेश परिसर में पहुंच कर पत्रकारों से वार्ता कर अपने विचार साझा किये और सर्वप्रथम विधानसभा अध्यक्ष श्री प्रेमचंद अग्रवाल एवं मा० उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत का हृदय से आभार व्यक्त किया। साथ ही साथ उन्होंने पं० ललित मोहन शर्मा पब्लिक चैरिटेबल ट्रस्ट, ऋषिकेश का भी धन्यवाद ज्ञापित किया। 

हर वर्ष “पं० ललित मोहन शर्मा स्मृति व्याख्यान का होगा आयोजन

डा० ध्यानी ने अवगत कराया कि अब ऋषिकेश परिसर में पं० ललित मोहन शर्मा जी की भव्य और दिव्य प्रतिमा स्थापित होंगी और परिसर में हर वर्ष “पं० ललित मोहन शर्मा स्मृतिः व्याख्यान का भी आयोजन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि ट्रस्ट ने विश्वविद्यालय को प्राप्त हुयी 49.02 एकड़ भूमि अगस्त 1973 में ऋषिकेश में राजकीय डिग्री कालेज खोलने हेतु दान की थी।

ऋषिकेश परिसर बनेगा उत्कृष्ट परिसर

डा० ध्यानी ने पत्रकारों से कहा कि जब उन्होंने कुलपति का पदभार दिनांक 30 नवम्बर, 2019 को ग्रहण किया था तो सर्वप्रथम उन्होंने देहरादून स्थित विश्वविद्यालय के शिविर कार्यालय को राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, ऋषिकेश में शिफ्ट करवाया था और वह जब पहली बार ऋषिकेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय पहुंचे थे तो उन्होंने ऋषिकेश परिसर को एक उत्कृष्ट परिसर बनाने की सार्वजनिक रूप से पत्रकारों के समक्ष घोषणा की थी।

अब उच्च शिक्षा से वंचित नहीं होंगे विद्यार्थी

ऋषिकेश परिसर में अब छात्र छात्राओं को एक ही स्थान में विभिन्न विषयों में उच्च शिक्षा सुगतमा से प्राप्त होगी उन्हें उच्च शिक्षा के हेतु अन्यत्र पलायन नहीं करना पड़ेगा। वे उच्च शिक्षा से वंचित नहीं होगे और न ही उनके अभिभावको पर आर्थिक बोझ पड़ेगा।

फैकल्टी ऑफ माउंटेन स्टडीज को ऋषिकेश परिसर में स्थापित करने की कोशिश

डॉ ध्यानी ने कहा कि आज दुनिया में 195 देश है जो यूनाइटेड नेशंस के सदस्य है जिनमें से लगभग 136 देशों में पर्वत विद्यमान है। दुनिया के 21 देशों में कई बार भ्रमण करने पर उन्होंने महसूस किया कि कहीं भी विश्वविद्यालयों में माउनटेन स्टडीज के कोर्स संचालित नहीं है न ही कहीं कोई संकाय है और न ही कहीं कोई स्कूलस। इसलिये अपने वैश्विक अनुभवों के आधार पर वह एक नया संकाय फैकल्टी आफ माउंटेन स्टडीज को ऋषिकेश परिसर में स्थापित करने की सोच रहे हैं। लेकिन इसके लिये उन्हें शासन केंद्र सरकार का सहयोग मिलना अति आवश्यक है। प्रस्तावित संकाय में अलग अलग विभागों (माउंटेन स्प्रीचुयेलिटी एण्ड सैकोडनस, माउंटेन आटर्स कल्चर एण्ड ट्रेडिसन्स माउंटेन लैग्वेजेज माउंटेन रिसोर्स मैनेजमेंट माउंटेन एग्रीकल्चर माउंटेन टूरिज्म माउंटेन डिजास्टर माउंटेन सिक्यूरेटी आदि) की स्थापना के लिये प्रयास किये जायेंगे।

डॉ ध्यानी का गर्मजोशी से हुआ स्वागत

ऋषिकेश परिसर में समायोजित शिक्षकों ने कुलपति डा० ध्यानी का गर्मजोशी से स्वागत किया और ऋषिकेश परिसर को उत्कृष्ट बनाने हेतु अपने पूर्ण समर्थन और सहयोग देने का पूर्ण भरोसा दिया। 

ऋषिकेश व राज्य के कई गणमान्य व्यक्तियों ने ऋषिकेश स्नातकोत्तर महाविद्यालय को श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का परिसर बनाने हेतु राज्य सरकार के इस अहम फैसले का स्वागत किया।


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Govind Pundir

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