छात्र/कवि गोलेंद्र पटेल को मिला पहला सुब्रह्मण्य भारती युवा कविता सम्मान

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जीएनएस ब्यूरो।

वाराणसी। काशी घाटवाक की ओर से बीएचयू में बीए फाइनल के छात्र गोलेन्द्र पटेल को पहला ‘सुब्रह्मण्यम भारती युवा कविता सम्मान 2021’ भेंट किया गया। सम्मान स्वरूप उन्हें प्रशस्ति पत्र, सम्मान राशि और अंगवस्त्रम दिया गया।

अंतरराष्ट्रीय काशी घाटवाक विश्वविद्यालय की ओर से हनुमान घाट पर तमिल के प्रख्यात कवि सुब्रह्मण्य भारती की स्मृति को जीवंत करने के लिए हिंदी व तमिल भाषा से जुड़े लोग जुटे रहे।

इस अवसर पर उनके निवास स्थान को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने की मांग की गई।

बुधवार को कार्यक्रम के दौरान प्रो. विजय नाथ मिश्र ने कहा कि हनुमान घाट के जिस भवन में सुब्रह्मण्य भारती रहे उसे राष्ट्रीय स्मारक घोषित किया जाए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए साहित्यकार प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल ने कहा कि राष्ट्रीय आंदोलन में सुब्रह्मण्य भारती का अप्रतिम योगदान रहा है। 

बीएचयू के तमिल विभाग के आचार्य डॉ.जगदीशन टी. ने कहा भारती विश्व प्रसिद्ध कवि होने के साथ ही तमिल भाषा के गौरव थे। वह समतावादी समाज और उदात्त सांस्कृतिक मूल्य के पक्षधर थे।

सुब्रह्मण्य भारती की नातिनी जयंती कृष्णन ने कहा कि वे महिला शिक्षा के बड़े पक्षधर रहे। इस मौके पर युवा आलोचक डॉ विंध्याचल यादव, अंकित, कविता गोंड, शिव विश्वकर्मा, आस्था वर्मा, जूही त्रिपाठी ने विचार व्यक्त किए।

समापन सत्र में गोलेन्द्र ने ‘मल्लू मल्लाह’ और ‘होनी का होना’ नामक कविताओं का पाठ किया। बीएचयू के कृष्ण कुमार तिवारी ने गणेश वंदना के साथ सुब्रह्मण्यम भारती के जीवन पर आधारित गीत सुनाया। संचालन उदय पाल और धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अष्टभुजा मिश्र ने किया।

बता दें कि गढ़ निनाद में गोलेन्द्र पटेल जी की कई उच्चस्तरीय लेख, कविताएं प्रकाशित हुई हैं। गढ़ निनाद परिवार की ओर से गोलेन्द्र पटेल जी को ‘सुब्रह्मण्यम भारती युवा कविता सम्मान 2021’ दिए जाने पर हार्दिक शुभकामनाएं।


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Govind Pundir

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