गोपी गीत गाने से हृदय रोग एवं रक्तचाप नहीं होताः डॉ. आचार्य सुरेश चरण बहुगुणा

गोपी गीत गाने से हृदय रोग एवं रक्तचाप नहीं होताः डॉ. आचार्य सुरेश चरण बहुगुणा
Please click to share News

रायवाला हरिद्वार। माँ उमा देवी घिल्डियाल की स्मृति में प्रतीतनगर रायवाला में चल रही भागवत कथा के छठवें दिन भागवत मर्मज्ञ डाक्टर सुरेश चरण बहुगुणा ने बताया कि  व्यक्ति गोपी गीत के 19 श्लोक छंदों को गाता पढ़ता है, उसे हृदय एवं रक्तचाप संबंधी बीमारियां नहीं हो सकती। श्रीमद्भागवत के 11वें स्कंध में स्वयं योगेश्वर श्रीकृष्ण ने अथाह और संपूर्ण ज्ञान मानवों को प्रदान किया है इसका अनुशीलन करना आवश्यक है। 

उन्होंने कहा गोपनीय भक्ति गोप-गोपी कहलाती है, कामदेव द्वारा ही श्रीकृष्ण को अच्युत नाम दिया गया, भागवत व्यक्ति को ऋण मुक्त करती है, गोपी गीत ही स्वयं सिद्ध ब्रह्म ऋचाएं हैं। भादो मास की अंगारक चतुर्थी को चंद्र दर्शन नहीं करना चाहिए, शांडिल्य संहिता में 24 प्रकार के शालिग्राम बताए गए हैं। इनमें सबसे छोटे आकार के लक्ष्मी नारायण शालिग्राम अत्यंत दुर्लभ वह वैभव प्रदान करने वाले होते हैं, इन्हें तुलसी से पृथक नहीं करना चाहिए। आचार्य ने सुदामा चरित्र से परीक्षित को तक्षक नाग द्वारा डसने की कथा सुनाते हुए कहा ब्राह्मण सर्वदेव है। मंदिर, ब्राह्मण, ज्योतिषी और वैद्य के यहां कभी खाली हाथ नहीं जाना चाहिए। पड़ोसी वह है जो सुख से ज्यादा दुख में शामिल हो।

इस अवसर पर भागवत कथा के आयोजक नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज, पं शिवप्रसाद घिल्डियाल, आचार्य कैलाश घिल्डियाल, डाक्टर चण्डीप्रसाद घिल्डियाल, पं राधेरमण चमोली, साध्वी माँ देवेश्वरी जी, कर्मकांड के आचार्य हेमंत सुन्द्रियाल, मूलपाठ के आचार्य सुदर्शन उपाध्याय,  सुनीता घिल्डियाल, आरती घिल्डियाल, कु० आयरा अन्जनी थलासी एवं बड़ी संख्या में श्रदालु उपस्थित रहे।


Please click to share News

Govind Pundir

Related News Stories