किशोर उपाध्याय ने नीति आयोग से नई टिहरी का एसडीजी अर्बन इंडेक्स जारी करने का किया अनुरोध

किशोर उपाध्याय ने नीति आयोग से नई टिहरी का एसडीजी अर्बन इंडेक्स जारी करने का किया अनुरोध
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नई टिहरी। सूबे के पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और  वनाधिकार आंदोलन के संस्थापक-प्रणेता किशोर उपाध्याय ने नीति आयोग से सरकारों द्वारा तथाकथित सुनियोजित शहर नई टिहरी का एसडीजी अर्बन इंडेक्स जारी करने का अनुरोध किया है।

*क्या है एसडीजी इंडेक्स*

सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल को स्थानीय स्तर पर लागू करने के लिए नीति आयोग इंडेक्स जारी करता है।

स्थानीय स्तर पर डेटा आधारित सोच और सिटी मॉनिटरिंग तंत्र को विकसित करने की सोच से नीति आयोग ने यह रैंकिंग एसडीजी के 46 टारगेट और 77 इंडिकेटर्स के आधार पर तय की जाती है।

उपाध्याय ने कहा कि देश व प्रदेश के शहर आर्थिंक विकास के इंजन का काम करते हैं और नीति आयोग का मानना है कि शहरों को समग्र, समावेशी और संतुलित विकास के लिए डेटा आधारित निर्णय लेने की ज़रूरत है। एसडीजी इंडेक्स इसी दिशा मे शहरों के सकारात्मक परिवर्तन के द्योतक है।

उपाध्याय ने कहा है कि आज हम शहरीकरण के उस दौर में हैं, जहां बात सिर्फ विकास की नहीं, सतत, समग्र व समावेशी विकास की होनी चाहिये। 

हमें अब शहरी विकास के सभी पहलुओं जैसे आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक और पर्यावरणीय पहलुओं पर काम करने की ज़रूरत है । इसके लिए हमें आंकड़ों की जरूरत होती है। अर्बन इंडेक्स का यही उद्देश्य है। 

उपाध्याय ने कहा कि अब जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों और कर्मचारियों को विकास के नये पैमाने के अनुसार खुद को ढालना और अपडेट करना होगा। पुराने ढर्रे पर चलकर विकास नहीं होगा और हम बुरी तरह पिछड़ जाएंगे।

नई टिहरी सभी के लिए सुलभ और स्वच्छ ईंधन गोल, क्लाइमेट एक्शन अर्थात जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए किये गये उपाय,

शांति व सभी के लिए न्याय व जवाबदेह संस्थाओं के निर्माण, लैंगिक समानता, प्रोडक्शन पैटर्न, साफ पानी और सैनिटेशन, क्वालिटी एजुकेशन, गरीबी उन्मूलन, आर्थिक विकास के लिए किये गये कार्य और स्वास्थ्य के क्षेत्र में किये गये कार्य, असमानता कम करने, शहर को सतत व समावेशी बनाने, इनोवेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर और भुखमरी कम करने के बारे में नीति आयोग, शासन और प्रशासन नई टिहरी के बारे में  स्थिति स्पष्ट करे और भविष्य की रणनीति बताये।

उपाध्याय ने कहा कि आजादी के बाद हमें उत्तर प्रदेश में रहते हुये पौड़ी मण्डल मुख्यालय और टिहरी बाँध के कारण नई टिहरी दो अच्छे शहर बसाने व बनाने का मौका मिला था, जिसे हमने गँवा दिया है।

तीसरा मौक़ा राज्य की आधुनिक, सुव्यवस्थित, और तरंगित राजधानी बनाने का मिला है, लगता है, हम उसे भी गँवा देंगे।

उपाध्याय ने कहा कि पर्वतीय व मध्य हिमालय के अधिकतर नगर अंग्रेजों ने बसाये हैं।हम उनकी भी रक्षा नहीं कर पा रहे हैं।

उपाध्याय ने कहा कि 42 वर्ग कि.मी. की विशाल टिहरी झील सतत-समावेशी विकास का अनुकरणीय उदाहरण बन सकती है, जो स्थानीयता को बढ़ावा देकर रोज़गार के सृजन और प्रदेश के आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित हो सकती है।हम इसमें भी चूक रहे हैं।

उपाध्याय ने कहा कि नीति आयोग प्रदेश के सभी शहरों का “एसडीजी अर्बन इंडेक्स” जारी करे, जिससे राज्य के शहरों की वर्तमान स्थिति और भविष्य की गति का ज्ञान हो सके।

श्री अनूप नौटियाल इस क्षेत्र में अनुकरणीय शोध, अध्ययन और समाज को जागरूक बनाने का कार्य कर रहे हैं। मैं उनको साधुवाद देता हूँ।


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Govind Pundir

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