युवा कवि गोलेन्द्र को मिला रविशंकर उपाध्याय स्मृति सम्मान

युवा कवि गोलेन्द्र को मिला रविशंकर उपाध्याय स्मृति सम्मान
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यूपी। युवा कवि गोलेन्द्र पटेल को रविशंकर उपाध्याय स्मृति सम्मान से नवाजा गया है। डॉ. रविशंकर उपाध्याय स्मृति संस्थान, वाराणसी के तत्वावधान में स्वर्गीय कवि रविशंकर उपाध्याय के 37 वें जन्मदिन के अवसर पर मैत्री जलपान गृह बीएचयू के मुक्ताकाशी परिसर में मित्रों की जुटान के बीच रविशंकर उपाध्याय को उनकी कविताएं पढ़कर याद किया गया।

इस अवसर पर रविशंकर उपाध्याय स्मृति संस्थान के युवा कविता पुरस्कार 2022 से पुरस्कृत कवि गोलेंद्र पटेल को वरिष्ठ कवि श्रीप्रकाश शुक्ल द्वारा ज्ञानेंद्रपति तथा मदन कश्यप के कविता संग्रहों के साथ ‘धूमिल समग्र’ भेंट किया गया। यह एक अनौपचारिक व प्रतीकात्मक कार्यक्रम था, क्योंकि रविशंकर उपाध्याय की स्मृतियों को स्थगित नहीं किया जा सकता था। 

दरअसल आज रविशंकर उपाध्याय स्मृति संस्थान की ओर से दिए जाने वाले युवा कविता पुरस्कार से पुरस्कृत कवियों गौरव भारती (2021 )और गोलेंद्र पटेल (2022) का सम्मान समारोह होना था,जिसे कोविड-19 के खतरे के मद्देनजर स्थगित कर दिया गया है, जो अनुकूल अवसर मिलते ही व्यवस्थित और विस्तृत ढंग से आयोजित किया जाएगा।     

आज का आयोजन दो हिस्सों में हुआ । पहले हिस्से में रविशंकर उपाध्याय के कविता संग्रह ‘उम्मीद अभी बाकी है’ से कविताएं पढ़कर बातचीत करते हुए उन्हें याद किया गया, जिसमें श्रीप्रकाश शुक्ल ने उनकी ‘गोलंबर’ कविता का पाठ किया तो वहीं युवा आलोचक  डॉ.विंध्याचल यादव ने ‘नदी की कथा’ और अनिल सूर्यधर ने उनकी ‘बरगद’ शीर्षक कविता उदय प्रताप पाल, शोधार्थी भोजपुरी अध्ययन केन्द्र, ने उनकी स्मृतियों को याद करते हुए ‘ मुक्ति ‘ कविता का पाठ किया।इस क्रम में प्रो. श्रीप्रकाश शुक्ल, डॉ. विंध्याचल यादव, विजय कुमार, डॉ. वंशीधर उपाध्याय और अनिल सूर्यधर ने रविशंकर की कविताओं पर अपने विचार भी रखे। 

प्रो श्रीप्रकाश शुक्ल जी ने रविशंकर उपाध्याय को सामाजिकता और लोक सरोकारी कवि-व्यक्तित्व का धनी बताया। डॉ. विंध्याचल यादव ने उन्हें पूंजीवादी विकास मॉडल के आलोचक कवि के तौर पर याद किया । डॉ अनिल सूर्यधर ने उनकी कविताओं में व्याप्त लोक भाषा की संपदा व लोक संस्कृति के खजाने को महत्वपूर्ण माना। डॉ वंशीधर उपाध्याय ने कहा कि वे जितने बड़े व संभावना पूर्ण कवि थे उससे बड़े मनुष्य थे ।

कार्यक्रम के दूसरे हिस्से में युवतर कवि गोलेंद्र पटेल की 10 कविताओं का पाठ हुआ जिसमें उन्होंने गोडिन,जंगरैत स्त्रियां और द्वासुपर्णा जैसी कविताएं पढ़ीं और उन कविताओं पर डॉ.विंध्याचल यादव ने अपनी टिप्पणी करते हुए उन्हें स्त्री श्रम और लोक सौंदर्य का संभावनाशील कवि माना। उनकी कविताओं पर बोलते हुए वंशीधर उपाध्याय ने उन्हें और जिम्मेदार होने की शुभकामनाएं दीं।

अध्यक्षीय वक्तव्य में प्रो.श्रीप्रकाश शुक्ल ने गोलेंद्र को खाटी बनारस की माटी से पैदा बनारस का अपना कवि कहा। इस अवसर पर उमेश गोस्वामी अनिल सूर्यधर ,उदय पाल, आर्यपुत्र दीपक, नीलेश, विजय जी, अभिषेक सिंह तथा सीमांकन यादव आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन शोधार्थी उदय प्रताप  पाल ने किया तो सोशल मीडिया कवरेज की पूरी जिम्मेदारी आर्यपुत्र दीपक और मनकामना शुक्ल ने निभाई।

धन्यवाद ज्ञापन संस्था के सचिव डॉ बंशीधर उपाध्याय ने किया।


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Govind Pundir

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