ग्रीष्मकालीन अवकाशों में कटौती करने का शिक्षकों ने किया विरोध

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नई टिहरी।ग्रीष्मकालीन अवकाशों में कटौती करने का शिक्षकों ने विरोध किया है । विभाग के द्वारा पूरे वर्ष भर का शैक्षिक कैलेंडर जारी किया जा चुका है इसके बावजूद नित दिन बिभाग नए फरमान जारी कर देता है जिससे शिक्षकों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है ।

राजकीय शिक्षक संघ टिहरी गढ़वाल के जिला अध्यक्ष श्यामसिंह सरियाल एवं जिला प्रवक्ता कमलनयन रतूडी ने कहा कि वर्ष में एक बार होने वाले अवकाश की प्लानिंग के लिए शिक्षकों द्वारा बहुत पहले अपने घरों को जाने के लिए व्यवस्था कर ली है और ऐसे में यह आदेश यदि आज की परिस्थितियों में निकलता है तो शिक्षकों को इससे काफी दिक्कतें होंगी । विभाग के द्वारा जबरदस्ती ग्रीष्मकालीन अवकाश थोपे जाते है ,जबकि संगठन द्वारा कई वर्षों से मांग की गई है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश अथवा दीर्घकालिक अवकाश समाप्त कर शिक्षकों को उपार्जित अवकाश दिए जाएं कई बार दीर्घकालिकन अवकाश में शिक्षकों को अधिकारियों के द्वारा विद्यालय में बुलाया जाता है और बाद में जब उपार्जित अवकाश के लिए शिक्षकों द्वारा आवेदन किया जाता है तो अधिकारी स्पष्ट मना कर देते हैं जो शिक्षकों के साथ एक प्रकार से धोखा और अन्याय ही है।

कहा कि जनपद कार्यकारिणी टिहरी इस प्रकार के फैसलों का विरोध करती है और मांग करती है कि ग्रीष्मकालीन अवकाश में कोई छेड़छाड़ ना की जाए ,यदि आवश्यक है तो सत्र के प्रारम्भ में ही परिवर्तन करना चाहिए और बता दिया जाए जिससे शिक्षक अपनी वयवस्था पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कर लें। शिक्षक जब अन्य कर्मचारियों की भांति उपार्जित अवकाश की बात करते हैं तो विभाग के द्वारा बार-बार यही बात कही जाती है कि शिक्षकों को दीर्घकालीन अवकाश मिलते हैं जबकि अधिकांश अवकाशों को बाधित करने का प्रयास अधिकारी करते हैं और बाद में उपार्जित अवकाश देने के लिए शिक्षकों को स्पष्ट रूप से मना कर देते हैं जो एक तानाशाही पूर्ण रवैया है। यदि बहुत आवश्यक है तो शिक्षकों को पहले उपार्जित अवकाश दिए जाने हेतु जनपद के अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए जाने चाहिए।


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Govind Pundir

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