श्रद्धा व आस्था: कैसे करें सृष्टि के निर्माण कर्ता भगवान विश्वकर्मा का पूजन, आइए जानते हैं

श्रद्धा व आस्था: कैसे करें सृष्टि के निर्माण कर्ता भगवान विश्वकर्मा का पूजन, आइए जानते हैं
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सृष्टि के निर्माण कर्ता भगवान विश्वकर्मा का पूजन आज 17 सितम्बर 2022, आश्विन कृष्ण पक्ष 01 गते को किया जायेगा। विशेषकर संक्रांति पर्व होने से इस पूजन का महत्व और बढ़ जाता है। आज प्रातः 07=21 मिनट प्रातः काल सूर्य भगवान सिंह राशि से कन्या राशि में प्रवेश कर चुके हैं, जिस कारण प्रातः 07=25 मिनट से 09=45 मिनट तक का समय वाहन, मशीनरी आदि की पूजा के लिए सर्वश्रेष्ठ है। नूतन वाहन तथा मशीन कल कारखाने आदि की पूजा के लिए यह समय अत्यंत महत्वपूर्ण है।

वृष राशि में चन्द्रमा होने के कारण नूतन वाहन क्रय व प्रतिष्ठा करने के लिए मिथुन, तुला, कुंभ राशि के जातकों के लिए ठीक नहीं है। शरद ऋतु का आगमन होने से विश्वकर्मा पूजन का द्वितीय समय 12=23 मिनट से 02=326 मिनट तक है। तीसरा मुहुर्त 3=23 मिनट से 05=17 मिनट तक रहेगा।

आज शनिवार का दिन होने, शरद ऋतु होने संक्रान्ति होने, कालाष्टमी व्रत एवं महालक्ष्मी व्रत पूजन होने से दुर्लभ संयोग बन रहा है।

शनिवार के दिन विश्वकर्मा पूजन करने से तथा अधीनस्थ गरीब असहायों को लोहा कंबल, उरद, तिल गुड़ दक्षिणा दान करने से लौह संबंधी कार्य में वृद्धि होती है।रक्षा सूत्र, नारियल, भेंट फल पंचमिठाई पान सुपारी, पंचमेवा, वस्त्र सहित भगवान विश्वकर्मा का पूजन करने से मनवांछित फल प्राप्त होता है।

—पं त्रिभुवन उप्रेती ज्योतिष कार्यालय नया बाजार हल्दूचौड हल्द्वानी नैनीताल उत्तराखंड 9410143469


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Govind Pundir

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