धामी सरकार का बजट, कर्ज लेकर घी पीने वाला बजट है

धामी सरकार का बजट, कर्ज लेकर घी पीने वाला बजट है
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बजट राज्य को दिशाहीन कर देगाराकेश राणा

टिहरी गढ़वाल 15 मार्च 2023। उत्तराखंड सरकार के आज के बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के महामंत्री शान्ति प्रसाद भट्ट ने कहा कि “उत्तराखंड सरकार ने आज जो बजट पेश किया है वह कर्ज लेकर घी पीने वाला बजट मात्र है। ” इस बजट से समाज के हर वर्ग को निराशा हुईं है , क्योंकि बजट में कोई ख़ास प्राविधान नही किए गए। विशेषकर महिलाओ, बेरोजगार युवाओं, अनु जाति, जनजाति के लिए कोई विशेष ध्यान नहीं दिया गया, इसमें केवल विभागवार आंकड़ों की जादूगरी की गई है। यह केवल पुरानी बोतल में नई शराब जैसा ही है।
इस बजट से महंगाई और बेरोजगारी की समस्या और अधिक बढ़ेगी, यह एक दिशाहीन और राज्य की आर्थिक वृद्धि पर चोट करने वाला बजट है। प्रदेश की जनता को इस प्रतिक्षित बजट से केवल निराशा ही हाथ लगी है, चुकीं बजट में ऐसा कुछ भी नही है, जो ग्रामीण क्षेत्रों विशेषकर महिलाओं के सिर का बोझ कम करे, पर्वतीय अंचलों से हो रहे पलायन को रोकने के लिए भी बजट में कुछ ख़ास नहीं है।
राज्य सरकार के बजट में राज्य के संशाधनो से 24744 करोड़ की प्राप्तियो के सापेक्ष 77406करोड़ का बजट प्रस्तुत किया गया है, जबकि केंद्रीय बजट की घोषणाओं का ही ढिंढोरा पीटा गया है, बजट घाटे की पूर्ति के लिए आय का कोई स्रोत नही इंगित नही किया गया है।
टिहरी झील विकास के लिए मात्र 8 से 15करोड़ रुपए का प्राविधान कर ऊंट के मुंह में जीरा जैसा किया गया है, नए मेडीकल कॉलेज का भी कोई जिक्र नहीं किया गया है। कुल मिलाकर राज्य का बजट कर्ज लेकर घी पीने वाला बजट है।

बजट राज्य को दिशाहीन कर देगाराकेश राणा

बजट पर प्रतिक्रिय  देते हुए  जिला कांग्रेस कमेटी टिहरी गढ़वाल के अध्यक्ष राकेश राणा ने बजट को दिशाहीन, प्रतिगामी, विकास विरोधी तथा मंहगाई व बेरोजगारी  व मंहगाई बढ़ाने वाला तथा राज्य की आर्थिक वृद्धि पर चोट पहुंचाने वाला है। राज्य के वित्त मंत्री ने बजट में नई बोतल में पुरानी शराब वाला फार्मूला अपनाया है। 

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रस्तुत किये गये बजट में नया कुछ भी नहीं है। इस बजट में महंगाई, बेरोजगारी व पलायन रोकने के कोई प्रावधान नहीं किये गये हैं।
राण ने कहा कि बजट का आकार बढ़ाया गया है परन्तु आय के श्रोत नहीं बताये गये हैं। बजट में ऐसे विभाग जो गांव, गरीब, दलित व कमजोर तबके को लाभ पहुंचाने वाले हैं उनके बजट जैसे कृषि विभाग, समाज कल्याण विभाग, एस.सी.पी., एस.टी.पी., स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, बिजली, पानी तथा पंचायतों के बजट में आंकड़ों की जादूगरी के सिवा कुछ नहीं किया गया है। चारधाम यात्रा की मूलभूत सुविधाओं के लिए 10 करोड़ के बजट की घोषणा ऊंट के मुंह में जीरे के समान है वहीं राज्य के मुख्य आय के स्रोत पर्यटन के लिए बजट में नामात्र की घोषणा की गई है।
राज्य सरकार के बजट में स्वयं के संसाधनों से 24744 प्राप्ति की अपेक्षा 77407 करोड़ रूपये का बजट प्रस्तुत किया गया है तथा केन्द्र सरकार के बजट की घोषणाओं का ढिंढोरा पीटा गया है। बजट घाटे की पूर्ति के लिए आय का कोई स्रोत नहीं सुझाया गया है।

राणा ने कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने उत्तराखण्ड राज्य निर्माण की अवधारणा को साकार रूप देने एवं जनभावनाओं के अनुरूप गैरसैण में विधानसभा भवन का निर्माण करवाते हुए माह नवम्बर, 2015 में गैरसैण में विधानसभा सत्र आहुत किया गया इसी के साथ राज्य विधानसभा में वर्ष 2017 का बजट सत्र गैरसैंण में आहुत करने का संकल्प पारित किया गया था परन्तु वर्तमान भाजपा सरकार ने अपने बजट में गैरसैण राजधानी में मूलभूत सुविधाओं के विकास के लिए बजट का प्रावधान करना तो दूर बजट भाषण में गैरसैंण का जिक्र करना भी उचित नहीं समझा है। वित्त मत्री ने अपने बजट भाषण में समाज के कमजोर तबके, बेरोजगार, महिलाओं का ध्यान रखने की बजाय राज्य सरकार के महिमा मण्डन का विशेष ध्यान रखा है। जीरो टाॅलिरेंस जैसे भाजपा की राज्य सरकार के वादे उनके अन्य वादों की भांति चुनावी जुमले साबित हुए हैं।


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Govind Pundir

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