सिद्धपीठ ज्वालामुखी मंदिर देव ढुंग बिनकखाल में दस दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान की तैयारी जोरों पर

सिद्धपीठ ज्वालामुखी मंदिर देव ढुंग बिनकखाल में दस दिवसीय धार्मिक अनुष्ठान की तैयारी जोरों पर
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टिहरी गढ़वाल/घनसाली से लोकेन्द्र जोशी की रिपोर्ट।
प्रति वर्ष की भांति इस वर्ष भी सिद्धपीठ ज्वालामुखी मंदिर देवढुंग बिनकखाल टिहरी गढ़वाल में 10 दिवसीय चैत्र नवरात्रि पर होने वाले धार्मिक अनुष्ठान की तैयारी जोरों पर है।जिस हेतु मंदिर समिति के द्वारा विधिवत पोस्टर, बैनर के अलवा लॉडस्पीकर लगे वाहनों से प्रचार प्रसार कर अनुष्ठान की तैयारी को अंतिम रूप दिया गया है।
आपको बताते चलें कि विकासखंड भिलंगना जनपद टिहरी गढ़वाल के बालगंगा घाटी में देवढुंग, बिनकखाल में ज्वालामुखी मंदिर स्थित है। ज्वालामुखी सिद्ध पीठ देवढुंग में स्थित है, जो कि घनसाली विधान सभा का ऐतिहासिक ज्वालामुखी देवढुंग सिद्ध पीठ है। देवी का भब्य मंदिर ज्वालामुखी मंदिर के नाम से ऊँची छोटी पर स्थित है। जिसके दोनों और दो पट्टियों- थाती कठूड एवं बासर पट्टी के घनी आवादी वाले गाँव हैं।
इस क्षेत्र की खास बात यह भी है कि, ज्वालामुखी मंदिर की तलहटी पर धर्म गंगा एवं बालगंगा नदी के पवित्र संगम पर भगवान बूढाकेदार पौराणिक धाम (मंदिर ) है। जिसकी स्थापना पांडवों ने की थी। और यह चार धाम यात्रा के पौराणिक पैदल यात्रा का मुख्य पड़ाव भी है।
श्रद्धालु माँ ज्वालामुखी के साथ साथ भगवान बूढ़ाकेदार एवं बेलेश्वर धाम के दर्शन कर पुण्य कमा सकते हैं।
ज्वालामुखी मंदिर तक पहुंचने के लिए ऋषिकेश से घनसाली-चमियाला होते हुए बिनकखाल तक सीधी बस सेवा, टैक्सी, से अथवा निजी वाहनों से यात्रा कर सकते हैं और वापस ऋषिकेश तक की यात्रा एक ही दिन में कर सकते हैं। मां ज्वालामुखी मंदिर चोटी पर स्थित है। जोकि सड़क से लगभग तीन सौ मीटर की दूरी पर स्थित है।
चैत्र नवरात्रि पर होने वाला दिव्या एवं भव्य अनुष्ठान पूर्ण रूप से धार्मिक आस्था पर है। जहाँ प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग पहुंच कर माँ का आशीर्वाद लेते हैं।
इस 10 दिवसीय अनुष्ठान , ज्ञान यज्ञ एवं कथा श्रवण का आयोजन भी किया गया है।जिसमे श्रीमद् देवी भागवत महा पुराण पूज्य ब्यास आचार्य भागवत रत्न,जय प्रकाश पैन्यूली जी, एवं राम कथा के पूज्य ब्यास श्री सीता रमण जी महाराज के मुखारविंदु से करेंगे।
पैदल चार-धाम यात्रा के पड़ाव में ज्वालामुखी मंदिर से श्रद्धालु, यात्रा सीजन में घुत्तु, पँवाली काँठा होते हुए पवित्र त्रियुगी नारायण धाम से श्री केदारनाथ धाम पैदल यात्रा कर पहुंचते हैं। जिस पैदल मार्ग को मोटर मार्ग में तब्दीली हेतु आजादी के बाद से ही क्षेत्रवासी माँग करते चले आ रहे हैं।
धार्मिक अनुष्ठान हेतु मंदिर समिति के द्वारा अपील की गयी है कि- 22 मार्च से 31 मार्च तक होने वाले इस धार्मिक अनुष्ठान में अधिक से अधिक संख्या में उपस्थित होकर मां ज्वालामुखी का आशीवाद ग्रहण करें।


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Govind Pundir

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