सहायक अध्यापिका श्रीमती आनंदी पंवार को सेवानिवृति पर दी भावभीनी विदाई

सहायक अध्यापिका श्रीमती आनंदी पंवार को सेवानिवृति पर दी भावभीनी विदाई
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टिहरी गढ़वाल 29 मार्च 2025। शिक्षा के उजियारे पथ पर वर्षों तक अपनी विद्या और समर्पण की लौ जलाने वाली सहायक अध्यापिका श्रीमती आनंदी पंवार को उनके सेवानिवृत्ति अवसर पर आज राजकीय इंटर कॉलेज, बोरगांव में हृदयस्पर्शी विदाई दी गई। विद्यालय परिवार, छात्र-छात्राओं, सहकर्मियों और परिजनों ने मिलकर इस मौके को अविस्मरणीय बना दिया। रा.इ.का. बोरगांव, थौलधार, टिहरी गढ़वाल के समस्त शिक्षक परिवार, कर्मचारीगण और छात्र छात्राओ ने उनके शतायु एवं मंगलमय जीवन की प्रार्थना की ।

एक प्रेरणादायक सफर

श्रीमती आनंदी पंवार का जीवन शिक्षा के क्षेत्र में समर्पण और कर्मठता का अद्भुत उदाहरण रहा है। उनका जन्म ग्राम मैराब, पो. छोलगांव, बड़कोट, टिहरी गढ़वाल में हुआ। वे अपने पिताश्री स्व. श्री भीम सिंह बिष्ट और माताश्री स्व. श्रीमती जानकी देवी की संस्कारों से ओत-प्रोत रही हैं। प्रारंभिक शिक्षा अपने गांव से प्राप्त करने के बाद उन्होंने इंटरमीडिएट की परीक्षा जी.जी.आई.सी. पुरानी टिहरी से उत्तीर्ण की। तत्पश्चात राजकीय दीक्षा विद्यालय, पुरानी टिहरी से बी.टी.सी. करने के उपरांत उन्होंने 20 अक्टूबर 1986 को रा.प्रा.वि. दुरोगी, जाखणीधार, टिहरी गढ़वाल में सहायक अध्यापिका (हिंदी) के रूप में अपनी सेवा यात्रा आरंभ की।

श्रीमती पंवार ने 1988 से 1996 तक रा.प्रा.वि. टिपरी में शिक्षण सेवा दी और फिर 1996 से 1999 तक जूनियर हाईस्कूल कोपड़धार में पदोन्नत होकर कार्य किया। उनकी शिक्षा देने की शैली और अनुशासनप्रियता को देखते हुए उन्हें मई 2018 में एल.टी. हिन्दी पद पर पदोन्नत कर राजकीय इंटर कॉलेज, बोरगांव में भेजा गया, जहां उन्होंने अपने समर्पण और ज्ञान से अनेकों विद्यार्थियों का भविष्य संवारने का कार्य किया।

विद्यालय परिसर में भावनाओं का उमड़ता सागर

उनके सम्मान में आयोजित विदाई समारोह भावनाओं से भरपूर रहा। जैसे ही उनका स्वागत हुआ, पूरा वातावरण श्रद्धा और प्रेम से गूंज उठा। विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री गणेश प्रसाद मैठाणी ने उनके कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा,
“आनंदी पंवार जी ने न केवल शिक्षा दी, बल्कि विद्यार्थियों में नैतिक मूल्यों का संचार भी किया। उनकी शिक्षण शैली अनुकरणीय रही है।”

पीटीए अध्यक्ष श्रीमती अंजू देवी ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा, कि विद्यालय में उनका योगदान अविस्मरणीय रहेगा। उनके मार्गदर्शन में न जाने कितने छात्र-छात्राओं ने सफलता प्राप्त की है। सहकर्मी शिक्षकों में श्री चौहान, प्रवीण कुमार, आनंद सिंह रावत, सीता डोभाल, कंडारी मैडम, घिल्डियाल मैडम, संजय डोभाल , सोबन सिंह नेगी आदि ने उनके साथ बिताए समय को याद किया और कहा कि वे हमेशा विद्यालय परिवार का अभिन्न हिस्सा रहेंगी।

छात्रों ने आंसुओं में पिरोया प्यार

विदाई समारोह में छात्र-छात्राओं की आंखों में आंसू छलक उठे। उनके मार्गदर्शन में पढ़े अनेक छात्रों ने कहा,
“मैम ने हमें सिर्फ किताबों की बातें ही नहीं सिखाईं, बल्कि जीवन को सही दिशा देने का हौसला भी दिया है।” छात्र-छात्राओं ने अपने प्रिय शिक्षिका को समर्पित गीत, कविताएं और नृत्य प्रस्तुत किए। यह दृश्य इतना भावुक था कि पूरा परिसर स्नेह और सम्मान की भावना से भर गया।

इस मौके पर श्रीमती आनंदी पंवार के परिजन भी मौजूद रहे। उनकी उपलब्धियों और समर्पण को देखकर वे गर्व से अभिभूत थे। विद्यालय परिवार ने उन्हें पुष्पगुच्छ, स्मृतिचिह्न और शॉल भेंट कर उनका सम्मान किया।

विदाई के क्षण और मंगलकामनाएं

श्रीमती आनंदी पंवार ने अपनी विदाई पर कहा,
“मैं विद्यालय परिवार को हृदय से धन्यवाद देती हूं। यह विद्यालय मेरी आत्मा का हिस्सा बन चुका है, और यहां बिताया गया समय हमेशा मेरी स्मृतियों में रहेगा।”

समारोह के अंत में उन्होंने सभी को आशीर्वाद दिया और कहा कि वे हमेशा अपने छात्रों और सहकर्मियों के लिए उपलब्ध रहेंगी।

विद्यालय परिवार ने उनके सुखद, स्वस्थ और समृद्ध भविष्य की कामना की। श्रीमती आनंदी पंवार का योगदान हमेशा एक प्रेरणास्तंभ की तरह याद किया जाएगा।


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Govind Pundir

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