उत्तरकाशी में राज्यमंत्री वीरेंद्र सेमवाल ने हथकरघा एवं हस्तशिल्प केंद्रों का किया निरीक्षण, बुनकरों को योजनाओं से जोड़ने के दिए निर्देश

उत्तरकाशी, 25 मई 2025 । उत्तराखंड के सीमांत क्षेत्रों में हथकरघा व हस्तशिल्प के विकास तथा बुनकरों की समस्याओं का जायजा लेने के उद्देश्य से उत्तराखंड हथकरघा एवं हस्तशिल्प विकास परिषद के राज्यमंत्री वीरेंद्र दत्त सेमवाल रविवार को उत्तरकाशी पहुंचे। यह दौरा तीन दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम के तहत आयोजित किया गया।
उत्तरकाशी के डुंडा स्थित ग्रोथ सेंटर पहुंचने पर जिला उद्योग केंद्र की महाप्रबंधक शैली डबराल द्वारा राज्यमंत्री का स्वागत किया गया। इसके पश्चात राज्यमंत्री ने डुंडा सहित अन्य ग्रोथ सेंटरों का निरीक्षण किया और वहां कार्यरत बुनकरों से संवाद किया। डुंडा में “सांची संगठन” द्वारा संचालित ग्रोथ सेंटर में उन्होंने स्थानीय बुनकरों की समस्याएं सुनीं और उन्हें सरकार की योजनाओं से लाभान्वित करने के निर्देश दिए।
राज्यमंत्री ने हिमाद्रि एंपोरियम, कार्डिंग प्लांट, और वुडन सीएफसी का भी स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने शिल्पकारों और काष्ठकला से जुड़े कलाकारों से भी बातचीत की। निरीक्षण के दौरान नेताला की मां गंगा सीएलएफ द्वारा बनाए गए उत्पादों का अवलोकन किया गया, जो बाज़ार में ‘हिलांश’ ब्रांड के तहत बेचे जाते हैं।
राज्यमंत्री सेमवाल ने कहा कि उत्तराखंड की पारंपरिक संस्कृति, हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद न केवल राज्य की पहचान हैं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “वोकल फॉर लोकल” अभियान और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के “आत्मनिर्भर उत्तराखंड” के विजन को साकार करने में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार बुनकरों की कला व मेहनत को उचित मंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं।
राज्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि हस्तशिल्प उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में पहचान दिलाने, उनकी समस्याओं के समाधान तथा उनकी आजीविका को सशक्त बनाने के लिए राज्य सरकार पूरी तरह संकल्पित है।
निरीक्षण के दौरान महाप्रबंधक शैली डबराल के साथ डुडा के सहायक प्रबंधक आकाश, सहायक प्रबंधक सीमा बिष्ट और विभिन्न ग्रोथ सेंटरों के संचालक भी उपस्थित रहे।