गजा में वनाग्नि रोकथाम और पिरुल प्रबंधन पर कार्यशाला, अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा ने दिए महत्वपूर्ण निर्देश
टिहरी गढ़वाल 5 मई 2025। अपर प्रमुख वन संरक्षक (वनाग्नि व आपदा प्रबंधन) निशांत वर्मा की अध्यक्षता में गजा में वनाग्नि रोकथाम, नियंत्रण और पिरुल एकत्रीकरण को लेकर एक कार्यशाला आयोजित हुई। इसमें वन विभाग के कर्मियों और स्थानीय ग्रामीणों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में बढ़ते तापमान के बीच वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए आधुनिक तकनीकों और उपायों की जानकारी दी गई।
निशांत वर्मा ने टिहरी और नरेंद्रनगर वन प्रभागों में ग्रामीणों की सक्रिय भागीदारी को देखते हुए प्रत्येक प्रभाग में 5-5 नए पिरुल कलेक्शन सेंटर स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने बताया कि पिरुल एकत्रीकरण स्वयं सेवी संस्थाओं के माध्यम से होगा, जिन्हें शासन द्वारा स्वीकृत 10 रुपये प्रति किलो की दर से भुगतान किया जाएगा। कलेक्शन सेंटरों पर पिरुल तोलने की व्यवस्था भी सुनिश्चित की जाएगी।
टिहरी वन प्रभाग की तैयारियां
डीएफओ टिहरी पुनीत तोमर ने बताया कि प्रभाग में 52 फायर क्रू-स्टेशन स्थापित किए गए हैं, जहां 210 फायर वाचर तैनात हैं। इन स्टेशनों पर सुरक्षा उपकरण, फायर वाचरों के लिए गुड़-चना, पानी जैसी पोषण सामग्री उपलब्ध है। जिले में अब तक 208 जन जागरूकता गोष्ठियां आयोजित की जा चुकी हैं और वनाग्नि नियंत्रण के लिए मॉक अभ्यास भी कराए गए हैं।
जन सहभागिता और पिरुल प्रबंधन पर जोर
कार्यशाला में पिरुल के प्रभावी प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया गया। टिहरी वन प्रभाग में जन सहभागिता बढ़ाने के लिए 20 वनाग्नि सुरक्षा प्रबंधन समितियां गठित की गई हैं। वनाग्नि से संबंधित किसी भी जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर 1926 की जानकारी भी साझा की गई।
मास्टर कंट्रोल रूम का निरीक्षण
कार्यशाला के बाद निशांत वर्मा ने नई टिहरी में स्थित मास्टर कंट्रोल रूम का निरीक्षण किया और व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इस अवसर पर डीएफओ नरेंद्रनगर जीवन मोहन दगड़े, एसडीओ रश्मि ध्यानी, जन्मेजय रमोला, किशोर नौटियाल, रेंजर आशीष डिमरी, विवेक जोशी और राजेश मौजूद रहे।
यह कार्यशाला वनाग्नि रोकथाम और पिरुल प्रबंधन में सामुदायिक सहयोग को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।