रामलीला में शबरी भक्ति और सीता हरण का मार्मिक मंचन, जनसैलाब मंत्रमुग्ध

रामलीला में शबरी भक्ति और सीता हरण का मार्मिक मंचन, जनसैलाब मंत्रमुग्ध
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टिहरी गढ़वाल 28 मई 2025। बौराड़ी स्टेडियम, नई टिहरी में नवयुवक श्रीकृष्ण रामलीला समिति 1952 (पंजीकृत) द्वारा आयोजित ऐतिहासिक और तकनीकी रूप से सुसज्जित रामलीला के छठे दिन श्रद्धा और उत्साह का अद्भुत संगम देखने को मिला। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें प्रतापनगर के विधायक विक्रम सिंह नेगी, कांग्रेस शहर अध्यक्ष कुलदीप पंवार, वरिष्ठ समाजसेवी मान सिंह रौतेला समेत अनेक गणमान्य अतिथियों ने सहभागिता की।

https://www.facebook.com/share/v/1C79Ki2dYJ/ सीता हरण का दृश्य

रात्रि 8:30 बजे शुरू हुए मंचन में आज शूर्पणखा के मायाजाल, लक्ष्मण द्वारा उसकी नाक काटे जाने की घटना, खर-दूषण वध, मारीच की सोने के हिरण की चाल, रावण द्वारा सीता हरण, जटायु के संघर्ष और शबरी भक्ति जैसे हृदयस्पर्शी प्रसंगों का जीवंत प्रदर्शन किया गया। हाईटेक लाइटिंग और साउंड ने दर्शकों को मानो त्रेता युग की अनुभूति कराई।

शबरी प्रसंग बना भावनात्मक केंद्र
मंचन का सबसे भावुक क्षण शबरी प्रसंग रहा, जिसमें श्रीराम और लक्ष्मण सीता की खोज में मातंग ऋषि के आश्रम पहुँचते हैं। वनवासी भक्त शबरी राम को प्रेमपूर्वक झूठे बेर अर्पित करती हैं—ऐसे बेर जिन्हें उन्होंने स्वयं चखकर सबसे मीठे चुने थे। राम उनकी भक्ति से अभिभूत होकर उन्हें आशीर्वाद देते हैं। शबरी राम को किष्किंधा पर्वत जाकर वानर राज सुग्रीव से मिलने की सलाह देती हैं, जिससे आगे सीता की खोज का नया अध्याय प्रारंभ होता है।

किष्किंधा की ओर बढ़े राम-लक्ष्मण
राम और लक्ष्मण शबरी की सलाह पर किष्किंधा पर्वत की ओर प्रस्थान करते हैं, जहाँ उनकी मुलाकात सुग्रीव से होती है। यही मित्रता बाद में बाली वध और सुग्रीव के राज्यारोहण का मार्ग प्रशस्त करती है, जो सीता की खोज और रावण के विरुद्ध युद्ध की नींव बनती है।

जनमानस में उत्साह
रामलीला देखने के लिए बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक, महिलाएं और बच्चे उपस्थित रहे। आयोजन समिति द्वारा नगर पालिका के सहयोग से दर्शकों की सुविधा के लिए रामलीला स्थल तक लाने ले जाने के लिए बस की व्यवस्था की गई है। नवयुवक श्रीकृष्ण रामलीला समिति के इस भव्य आयोजन और कड़ी मेहनत के लिए शहर भर में सराहना हो रही है।

कुशल वक्ता श्री सतीश थपलियाल जी का मंच संचालन और कलाकारों का अभिनय देखते ही बनता है। सातवें दिन रामलीला के आगामी दिन हनुमान मिलन, बाली वध और सीता खोज जैसे प्रसंगों का मंचन किया जाएगा, जिसकी उत्सुकता पहले से ही दर्शकों में देखी जा रही है।


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Govind Pundir

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