भारत के नवीकरणीय ऊर्जा भविष्य को गति देने हेतु नई दिल्ली में “पंप स्टोरेज परियोजनाएं” पर उच्चस्तरीय सत्र आयोजित

1000 मेगावाट टिहरी पीएसपी जल्द होगा चालू
नई दिल्ली/ऋषिकेश, 01 मई 2025: भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को साकार करने और 2070 तक नेट ज़ीरो उत्सर्जन के राष्ट्रीय लक्ष्य को समर्थन देने के उद्देश्य से, “पंप स्टोरेज परियोजनाएं: भारत के नवीकरणीय भविष्य को ऊर्जा प्रदान करना” विषय पर एक उच्चस्तरीय विचार-विमर्श सत्र का आयोजन स्कोप कन्वेंशन सेंटर, नई दिल्ली में सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस सत्र का आयोजन टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड और केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने एनटीपीसी, सीबीआईपी और आईएनसीओएलडी के सहयोग से किया।
इस दिनभर चले कार्यक्रम में 300 से अधिक प्रतिनिधियों, जिसमें नीति-निर्माता, वरिष्ठ अधिकारी, डेवलपर्स, पर्यावरण विशेषज्ञ और तकनीकी संस्थान शामिल रहे, ने हिस्सा लिया। सत्र में ग्रिड स्थिरता, ऊर्जा भंडारण, और पंप स्टोरेज परियोजनाओं (पीएसपी) की नीति, तकनीकी व पर्यावरणीय पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई।
मुख्य अतिथि विद्युत मंत्रालय के सचिव श्री पंकज अग्रवाल (आईएएस) ने कहा, “ग्रिड स्थिरता राष्ट्रीय प्राथमिकता है। पीएसपी के लिए प्रक्रियाओं का सरलीकरण और राज्य स्तर पर आत्मनिर्भरता आवश्यक है।”
विशिष्ट अतिथि श्री आकाश त्रिपाठी (आईएएस), अपर सचिव (हाइड्रो) ने बताया कि यह सत्र हितधारकों को एक साथ लाकर पीएसपी के त्वरित विकास की दिशा में संवाद स्थापित करने हेतु आयोजित किया गया है।
सीईए के सदस्य (हाइड्रो) श्री एम. जी. गोखले ने बताया कि 2025-26 में 3 गीगावाट पीएसपी क्षमता में वृद्धि की उम्मीद है और टिहरी में 1000 मेगावाट का वेरिएबल स्पीड पंप स्टोरेज प्लांट जल्द ही चालू किया जाएगा।
एनटीपीसी के अध्यक्ष श्री गुरदीप सिंह और टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष श्री आर. के. विश्नोई ने पीएसपी के शीघ्र और दक्ष कार्यान्वयन की आवश्यकता पर बल देते हुए भंडारण समाधान को ऊर्जा परिवर्तनकाल की सफलता के लिए अनिवार्य बताया।
कार्यक्रम में चार तकनीकी सत्रों में नीति, भूवैज्ञानिक, पर्यावरणीय और कार्यान्वयन से जुड़ी चुनौतियों व अवसरों पर विचार हुआ। सीईए, एनटीपीसी, टीएचडीसी, एनएचपीसी, अडानी, टाटा पावर, आईआईटी रुड़की समेत कई प्रमुख संस्थानों ने अपने अनुभव साझा किए।
अंत में, सीबीआईपी सचिव श्री ए.के. धिनकर ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया और कहा कि पीएसपी न केवल ऊर्जा भंडारण का विकल्प हैं, बल्कि सतत और लचीले ऊर्जा भविष्य की कुंजी भी हैं।