भारत-पाक सीजफायर: 12 मई को स्थिति की समीक्षा के लिए फिर से होगी बात

नई दिल्ली, 10 मई 2025: भारत ने पाकिस्तान के झूठे प्रचार और सैन्य उकसावे का मुंहतोड़ जवाब देते हुए उसकी सैन्य क्षमता को गहरा नुकसान पहुंचाया, जिसके बाद पाकिस्तान सीजफायर के लिए मजबूर हुआ।
कर्नल सोफिया कुरैशी ने पाकिस्तान के दावों को खारिज करते हुए कहा कि उसने JF-17 विमानों से भारत के S-400, ब्रह्मोस मिसाइल बेस, और सिरसा, जम्मू, पठानकोट, भटिंडा, नलिया, भुज जैसे हवाई अड्डों को निशाना बनाने का झूठा दावा किया। चंडीगढ़ और व्यास में गोला-बारूद डिपो को नुकसान पहुंचाने की बात भी पूरी तरह निराधार साबित हुई।
पाकिस्तान ने अपनी नाकामी छिपाने के लिए यह भी आरोप लगाया कि भारतीय सेना ने मस्जिदों को निशाना बनाया। इस पर कर्नल कुरैशी ने करारा जवाब देते हुए कहा, “भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है, और हमारी सेना संवैधानिक मूल्यों की मिसाल है। धार्मिक स्थलों को निशाना बनाने का आरोप पाकिस्तान की हताशा और कायरता को दर्शाता है।”रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि भारतीय सेना हर मोर्चे पर पूरी तरह तैयार है। सूत्रों के मुताबिक, भारत ने पाकिस्तान के कई एयरबेस को ध्वस्त कर उसकी सैन्य ताकत को कमजोर किया, जिसके चलते पाकिस्तान को सीजफायर स्वीकार करना पड़ा।भारत के विदेश सचिव विक्रम मिस्री का बयान:
“पाकिस्तान के डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशंस (DGMO) ने आज दोपहर 3:35 बजे भारत के DGMO से संपर्क किया। दोनों पक्षों ने सहमति जताई कि आज शाम 5:00 बजे IST से जमीन, हवा और समुद्र में सभी गोलीबारी और सैन्य कार्रवाइयां रोक दी जाएंगी। दोनों पक्षों ने अपने सशस्त्र बलों को इस समझौते को तत्काल लागू करने के निर्देश दिए हैं। दोनों देशों के DGMO 12 मई को दोपहर 12:00 बजे फिर से बात करेंगे। मैंने पहले भी कई मौकों पर कहा है कि पाकिस्तान की कार्रवाइयां उकसावे और तनाव बढ़ाने वाली हैं। भारत ने इनका जिम्मेदाराना और संतुलित तरीके से जवाब दिया है।”पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार का बयान:
“पाकिस्तान और भारत तत्काल प्रभाव से सीजफायर पर सहमत हुए हैं। पाकिस्तान ने हमेशा क्षेत्र में शांति और सुरक्षा के लिए प्रयास किया है, बिना अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से समझौता किए।”अंतरराष्ट्रीय भूमिका:
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने दावा किया कि यह सीजफायर अमेरिकी मध्यस्थता का परिणाम है, लेकिन भारतीय विदेश मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह समझौता दोनों देशों के बीच सीधे बातचीत से हुआ। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने कहा कि उन्होंने और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस ने पिछले 48 घंटों में दोनों देशों के वरिष्ठ अधिकारियों से बात की थी।रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत की यह रणनीतिक जीत क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। दोनों देशों के DGMO 12 मई को स्थिति की समीक्षा के लिए फिर से बात करेंगे।