यहां पिरूल का “कालीन” बिछाकर रामलीला ने रचा इतिहास

यहां पिरूल का “कालीन” बिछाकर रामलीला ने रचा इतिहास
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टिहरी गढ़वाल । “नवयुवक श्री रामकृष्ण लीला समिति 1952, टिहरी” ने 2025 में ऐतिहासिक 1952 की रामलीला को फिर से शुरू कर एक खूबसूरत मिसाल कायम की। रामलीला के तीसरी रात रामलीला समाप्त होने के कुछ घंटे बाद एकाएक भारी बारिश और तूफान ने बौराड़ी स्टेडियम (रामलीला मैदान) को पानी से भर दिया था, लेकिन राम भक्तों के जोश ने इसे सूखा कर मंचन के लिए तैयार कर दिया। समिति ने जंगलों से पिरूल लाकर मैदान पर बिछाया, जिससे रामलीला का आयोजन संभव हो सका।

शानदार मंचन, भक्ति का रंग
नई टिहरी की रामलीला अब देहरादून की तरह भव्य हो रही है। बेहतरीन अभिनय और नई तकनीक के साथ यह आयोजन सबको भा रहा है। पांचवें दिन देहरादून की रामलीला समिति को सम्मानित किया गया। श्री अभिनव थापर को अध्यक्ष के रूप में मुख्य अतिथि बनने का मौका मिला। इस दौरान टिहरी की समिति के सभी सदस्यों को अंगवस्त्र देकर सम्मान दिया गया। THDC के GM श्री रविंद्र सिंह राणा जी भी इस मौके पर अतिथि के रूप में मौजूद रहे।

समिति को दी बधाई
इस शानदार रामलीला के लिए अध्यक्ष श्री देवेंद्र नौडियाल, श्री अमित पंत, निर्देशक श्री अनुराग पंत, नगरपालिका अध्यक्ष श्री मोहन सिंह रावत और सभी समिति सदस्यों को बधाई। उनके प्रयासों ने नई टिहरी की रामलीला को यादगार बना दिया। यह आयोजन राम भक्ति और एकजुटता का प्रतीक है। रामलीला निर्बाध रूप से जारी है।


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Govind Pundir

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