भक्ति का नशा करो, नशे की भक्ति नहीं- रसिक महाराज

देहरादून। नवदुर्गा मंदिर क्लेमेनटाउन में चल रही शिव कथा में नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज ने कहा कि वर्तमान समय का एक बहुत बड़ा दुर्भाग्य यह है कि बहुत सारे लोगों द्वारा भगवान शिव के नाम पर भाँग, गांजा जैसे अनेक प्रकार का नशा किया जाता है और भोले बाबा का प्रसाद कहकर दूसरों को भी कराया जाता है। हाँ भगवान शिव नशा अवश्य करते थे लेकिन केवल और केवल राम नाम का। महादेव तो आशुतोष भोलेनाथ हैं इसलिए भांग के पत्ते, जिन्हें पशु तक भी नहीं खाते और धतूरे का वह फल, जिसे कोई पक्षी तक चोंच नहीं मारते उनको अर्पित करने वाले का भी कल्याण कर देते हैं।

संत रसिक ने समस्त शिवभक्तों का आवाहन किया कि भगवान भोलेनाथ के प्रसाद के नाम से प्रचलित इस नशा की कुप्रथा का पुरजोर विरोध करें क्यों कि नशा करने वाले का कभी भी कल्याण संभव ही नहीं, अब वह भले ही भोले बाबा अथवा देवी माँ के प्रसाद के नाम से ही क्यों न किया जाए। यदि तनिक भी कल्याण की चिंता हो तो शिव के नाम पर नशा नहीं अपितु शिव के नाम का नशा करो। भक्ति का नशा करो, नशे की भक्ति कदापि नहीं। आज कथा में साध्वी माँ देवेश्वरी, लीला नेगी, माहेश्वरी घिल्डियाल, कमला जग्गी, बीना रावत, चतुर सिंह नेगी, सुरेन्द्र चौधरी, उर्मिला चौधरी एवं बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।