नेपाल के सुदूर पश्चिम प्रदेश के मुख्यमंत्री कमल बहादुर शाह ने किया टिहरी बांध परियोजना का भ्रमण, कहा– “यह अद्भुत इंजीनियरिंग का नमूना”

टिहरी गढ़वाल 04 मई 2025 । नेपाल के सुदूरपश्चिम प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री कमल बहादुर शाह अपने मंत्रिमंडल, विधानसभा सदस्यों एवं वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत के टिहरी बांध परियोजना का दौरा करने पहुंचे। शनिवार को टिहरी गेस्ट हाउस आगमन पर टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अधिशासी निदेशक (टिहरी कॉम्प्लेक्स) श्री एल.पी. जोशी ने पुष्पगुच्छ भेंट कर सभी गणमान्य अतिथियों का गर्मजोशी से स्वागत किया।
मुख्यमंत्री श्री शाह तथा प्रतिनिधिमंडल ने टिहरी बांध का निरीक्षण किया और व्यूपॉइंट से बांध की भव्यता को देखा। इस दौरान श्री जोशी ने टिहरी बांध के निर्माण, पुनर्वास प्रक्रिया, और परियोजना की तकनीकी विशेषताओं की विस्तृत जानकारी दी। इसके पश्चात, प्रतिनिधिमंडल ने बांध के भूमिगत पावर हाउस का भी दौरा किया, जहाँ उन्होंने विद्युत उत्पादन प्रणाली को प्रत्यक्ष रूप से देखा और तकनीकी जानकारियाँ प्राप्त कीं।
श्री जोशी ने टिहरी परियोजना से हो रहे विद्युत उत्पादन, भविष्य की योजनाओं और पंप स्टोरेज प्लांट (PSP) के कार्यों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि यह परियोजना उत्तर भारत की ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
निरीक्षण उपरांत मुख्यमंत्री श्री शाह ने टिहरी बांध की सराहना करते हुए इसे “अद्भुत इंजीनियरिंग का उत्कृष्ट उदाहरण” बताया और इस ऐतिहासिक परियोजना से जुड़े सभी इंजीनियरों एवं कर्मियों को बधाई दी।
इस अवसर पर नेपाल सरकार के कृषि एवं भू-प्रबंधन मंत्री श्री बीर बहादुर थापा, विधानसभा सदस्य घनश्याम चौधरी (कैलाली), नरेश कुमार शाही (बजुरा), झपट बहादुर सौद (अछाम), मुख्य सचिव डॉ. कमल प्रसाद पोखरेल शर्मा, योजना आयोग सदस्य श्री शेर बहादुर भंडारी, भौतिक मूलभूत संरचना सचिव श्री सूरत कुमार बाम, राजनीतिक सलाहकार डॉ. जितेन्द्र उपाध्याय, वैयक्तिक सचिव श्री राम बहादुर बिस्टा, उप सचिव श्री साकेता रजा मुसिनिपल्ली एवं अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
भारत की ओर से टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ अधिकारी, पुनर्वास समन्वय महाप्रबंधक श्री विजय सहगल, उप जिलाधिकारी टिहरी श्री संदीप कुमार, मानव संसाधन एवं प्रशासन के अपर महाप्रबंधक श्री डी.पी. पात्रों, और प्रबंधक (जनसंपर्क) श्री मनबीर सिंह नेगी सहित कई अन्य अधिकारी मौजूद थे।
इस अंतरराष्ट्रीय भ्रमण ने भारत-नेपाल के तकनीकी सहयोग और आपसी संबंधों को और सुदृढ़ किया है।