श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय में “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग” पर एक दिवसीय कार्यशाला का शानदार आयोजन

टिहरी गढ़वाल 27 मई 2025। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के मुख्यालय में “आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग के अनुप्रयोग” विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का शुभारंभ विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर एन. के. जोशी ने दीप प्रज्वलन के साथ किया।

कुलपति का प्रेरक संदेश
उद्घाटन सत्र में कुलपति प्रो. जोशी ने कहा, “आज का युग तकनीकी क्रांति का युग है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) अब केवल तकनीकी अवधारणाएँ नहीं, बल्कि हमारे दैनिक जीवन का अभिन्न हिस्सा बन चुके हैं। स्मार्टफोन से लेकर स्मार्ट सिटी तक, ये तकनीकें हर क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव ला रही हैं।” उन्होंने छात्रों को तकनीकी युग की चुनौतियों के लिए तैयार होने और नवाचार की दिशा में कदम बढ़ाने का आह्वान किया। प्रो. जोशी ने बताया कि एआई और एमएल का उपयोग कृषि में फसल पूर्वानुमान, चिकित्सा में रोग निदान, और शिक्षा में वैयक्तिक शिक्षण प्रणाली में व्यापक रूप से हो रहा है।
विशेषज्ञों का ज्ञानवर्धक योगदान
कार्यशाला में उत्तरांचल यूनिवर्सिटी के विशेषज्ञ वक्ता मोहित कुमार और एल्ड्रिन मेनन ने अपने प्रेरक व्याख्यान प्रस्तुत किए। सॉफ्टवेयर विशेषज्ञ मोहित कुमार ने “मशीन लर्निंग के अनुप्रयोग: स्मार्ट जीवन की दिशा में” विषय पर अपने विचार साझा किए, जबकि एआई विशेषज्ञ एल्ड्रिन मेनन ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के इतिहास, मूलभूत सिद्धांतों और वर्तमान उपयोगों पर विस्तृत जानकारी दी।
हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग: तकनीकी दक्षता की ओर कदम
कार्यशाला का मुख्य आकर्षण रहा हैंड्स-ऑन ट्रेनिंग सत्र, जिसमें छात्रों ने एआई और एमएल के व्यावहारिक अनुप्रयोगों का अनुभव प्राप्त किया। इस सत्र ने न केवल छात्रों की तकनीकी दक्षता को बढ़ाया, बल्कि उनके आत्मविश्वास को भी नई ऊँचाइयों तक पहुँचाया।
इस मौके पर कुलसचिव दिनेश चंद्रा ने कार्यशाला को छात्रों और शोधार्थियों के लिए ज्ञानवर्धक बताते हुए तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता जताई। मुख्य वित्त अधिकारी मनोज पाण्डेय ने भी तकनीकी नवाचारों को अपनाने पर जोर दिया।
कार्यशाला का संयोजन बीसीए समन्वयक डॉ. गौरव वार्ष्णेय ने किया, जिन्होंने इसके उद्देश्यों और विशेषज्ञों के योगदान को रेखांकित किया। कार्यक्रम का कुशल संचालन सहायक परीक्षा नियंत्रक डॉ. हेमंत बिष्ट ने किया।
इस अवसर पर सहायक कुलसचिव विजय रणवीर सिंह, प्रमोद बेंजवाल, प्रभारी निजी सचिव वरुण डोभाल, बीसीए विभाग के शिक्षक राहुल सुयाल, संजय तिवारी, यतिन आर्या, शिखा वार्ष्णेय, आशीष उनियाल, मोनिका यादव, संजीव सेमवाल, दीपक उपाध्याय, कुलदीप नेगी सहित बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएँ उपस्थित रहे।
यह कार्यशाला तकनीकी जागरूकता और नवाचार के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हुई। यह न केवल छात्रों को तकनीकी दक्षता प्रदान करेगी, बल्कि उन्हें भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।