बाबा विश्वनाथ माँ जगदीशिला की 26वीं डोली रथ यात्रा का भव्य समापन

बाबा विश्वनाथ माँ जगदीशिला की 26वीं डोली रथ यात्रा का भव्य समापन
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टिहरी गढ़वाल 6 जून 2025। गंगा दशहरा के पावन पर्व पर टिहरी गढ़वाल के पवित्र बिशोन पर्वत पर बाबा विश्वनाथ माँ जगदीशिला की 26वीं वार्षिक डोली रथ यात्रा का समापन एक भव्य और आध्यात्मिक समारोह के साथ हुआ।

इस यात्रा के संयोजक, उत्तराखंड के पूर्व मंत्री श्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने इस अवसर पर अपनी भावनाएँ व्यक्त करते हुए इसे न केवल एक धार्मिक यात्रा, बल्कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का जीवंत उत्सव बताया।

30 दिनों की यात्रा: भक्ति और संस्कृति का संगम
पिछले 30 दिनों तक, यह डोली रथ यात्रा कुमाऊँ और गढ़वाल की पवित्र धरती पर भक्तों के लिए आशीर्वाद और आत्मिक ऊर्जा का स्रोत बनी। श्री नैथानी ने कहा, “यह यात्रा केवल एक तीर्थ नहीं, बल्कि हमारी संस्कृति, परंपरा और आस्था का संगम है। प्रत्येक पड़ाव पर हजारों श्रद्धालुओं ने डोली का स्वागत कर हर स्थान को तीर्थ में बदल दिया।” लोक संस्कृति के स्वरों, लोक देवताओं की महिमा और गाँव-गाँव में जगी भक्ति की अलख ने इस यात्रा को अविस्मरणीय बना दिया।
श्री नैथानी ने हृदय से उन सभी भक्तों और सहयोगियों का आभार व्यक्त किया, जिन्होंने तन-मन-धन से इस यात्रा को सफल बनाया। उन्होंने कहा, “आप सभी की अटूट आस्था और समर्पण ही मेरी सबसे बड़ी शक्ति रही। प्रत्येक पड़ाव पर डोली का जिस श्रद्धा और सम्मान से स्वागत हुआ, वह इस बात का प्रमाण है कि हमारी संस्कृति और परंपराएँ आज भी जन-जन के दिलों में जीवित हैं।”सांस्कृतिक पुनर्जागरण का संकल्प
पूर्व मंत्री ने बताया कि इस यात्रा का उद्देश्य उत्तराखंड की सांस्कृतिक धरोहरों और देवालयों को जोड़कर जनमानस में आस्था का संचार करना है। उन्होंने संकल्प व्यक्त किया कि अगले वर्ष यह यात्रा और अधिक देवस्थलों को समाहित कर एक सांस्कृतिक पुनर्जागरण का पर्व बनेगी। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि यह यात्रा उत्तराखंड की पहचान, श्रद्धा और परंपराओं को नई ऊँचाइयों तक ले जाए।
श्री नैथानी ने जोर देकर कहा कि यह यात्रा भले ही समाप्त हुई हो, लेकिन यह आस्था और संस्कृति का कारवाँ हर हृदय में आगे बढ़ रहा है। “यह सिर्फ़ एक यात्रा नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक शक्ति और एकता का उत्सव है। आने वाले वर्षों में यह कारवाँ और विशाल होगा,” उन्होंने उत्साहपूर्वक कहा।आभार और आमंत्रण
अंत में, श्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने सभी भक्तों, सहयोगियों और आयोजकों का आभार व्यक्त करते हुए अगले वर्ष की यात्रा में और अधिक उत्साह के साथ शामिल होने का आह्वान किया।


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Govind Pundir

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