नीलकंठ यात्रा के लिए जिला प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद

अब तक 40 लाख श्रद्धालु कर चुके हैं बाबा के दर्शन
पौड़ी। श्रावण मास में नीलकंठ महादेव मेला क्षेत्र में शिव भक्तों की लगातार बढ़ती संख्या को देखते हुए जिला प्रशासन ने व्यापक व्यवस्थाएं की हैं। पेयजल, स्वच्छता, चिकित्सा, सुरक्षा और रात्रि प्रकाश जैसी सुविधाओं पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है।
जिलाधिकारी ने बताया कि मंदिर परिसर में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है, जहां जल संस्थान, ऊर्जा निगम, आपदा प्रबंधन, राजस्व, जिला पंचायत आदि विभागों के कार्मिक तैनात हैं। कांवड़ यात्रा की शिकायतों एवं सूचनाओं का त्वरित समाधान व्हाट्सऐप ग्रुप के माध्यम से किया जा रहा है।
पेयजल व्यवस्था:
यात्रा मार्ग पर 6,000, 3,000 व 2,000 लीटर के जल टैंकर लगाए गए हैं, जिनसे अब तक 72,000 लीटर पानी की आपूर्ति की जा चुकी है। इसके अतिरिक्त 1,000 व 500 लीटर क्षमता के पीवीसी टैंक भी प्रमुख स्थानों पर स्थापित किए गए हैं। जल संस्थान के पंप 24 घंटे चालू हैं।
स्वच्छता एवं सुविधा:
जिला पंचायत के 65, नगर पंचायत के 35 व स्वच्छता समिति के 30 पर्यावरण मित्र सफाई व्यवस्था में जुटे हैं। मार्ग पर 30 मोबाइल टॉयलेट व प्रमुख स्थानों पर मोबाइल शौचालय लगाए गए हैं। नियमित ब्लीचिंग और कीटनाशकों का छिड़काव हो रहा है। कूड़ा उठान के लिए वाहनों और जेसीबी की व्यवस्था भी की गई है।
प्रकाश व्यवस्था:
बाघखाला से पैदल मार्ग तक 45 सोलर स्ट्रीट लाइट और दो हाई मास्क लाइटें लगाई गई हैं, जिससे रात्रि में यात्रियों को सुविधा हो।
चिकित्सा सेवा:
यात्रा मार्ग पर 9 स्थायी मेडिकल रिलीफ कैंप, दो मोबाइल मेडिकल यूनिट, पांच विभागीय व दो 108 एम्बुलेंस तैनात हैं। स्वास्थ्य टीमें पूरी तरह अलर्ट हैं।
खोया-पाया केंद्र:
बाघखाला में स्थापित केंद्र अब तक 150 से अधिक श्रद्धालुओं को उनके परिजनों से मिला चुका है। सूचना प्रसार हेतु पब्लिक एड्रेस सिस्टम भी सक्रिय है।
जिला प्रशासन द्वारा श्रद्धालुओं को सुरक्षित, स्वच्छ और सुविधाजनक यात्रा अनुभव देने के लिए सभी विभाग एकजुट होकर सेवाएं दे रहे हैं।