भक्ति के लिए पहले अहंकार दूर करना जरूरी – नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज

देहरादून। नवदुर्गा मंदिर पोस्ट आफिस कालोनी क्लेमेनटाउन देहरादून में शिव महापुराण कथा के दूसरे दिन नृसिंह पीठाधीश्वर स्वामी रसिक महाराज जी ने कहा कि शिव महापुराण कथा सुनने और शिव भक्ति के लिए अहंकार को दूर करना आवश्यक है। उन्होंने युवाओं को नशे से बचने और सनातन धर्म की रक्षा करने का आह्वान किया।
संत रसिक जी महाराज ने कहा कि शिव महापुराण कथा श्रवण व शिव भक्ति के लिए पहले अहंकार दूर करना होगा। क्योंकि जब तक अहंकार होता है तक भोलेनाथ प्रसन्न नहीं होते हैं। जिस प्रकार आदि देव महादेव को भोलेनाथ कहा जाता है उसी उनको भक्त भी भोले पसंद हैं। जब तक अहंकार दूर नहीं होगा तब तक शिव की भक्ति प्राप्त होना मुश्किल है।
उन्होंने कहा कि जहाँ एक ओर सनातनी संस्कृति अपने आप में सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय के भाव को समाहित किए हुए हैं , वहीं दूसरी ओर धर्म, अर्थ, काम, मोक्ष के पुरुषार्थ को आगे बढ़ाने का मार्ग बताया गया है। वेदों में मन्त्र, तन्त्र, स्वास्थ्य, संगीत, ज्योतिष, परा मनो विज्ञान जैसे गूढ़ रहस्यात्मक तथ्यों के बारे में विश्लेषण कर समाज को सही दिशा की ओर इंगित किया गया है। हमारे धार्मिक ग्रंथों में प्रत्येक महीने का महत्व स्पष्ट किया गया है। इसी तरह से श्रावण मास का भी अपने आप में प्रभाव कारी महत्व है। भले इस माह में विवाह, वास्तु पूजन जैसे शुभ कार्य सम्पादित नहीं किए जाते, लेकिन यह माह अनुष्ठान, तन्त्र, मन्त्र, दिव्यता प्राप्त करने के लिए बड़ा ही शुभकारी माना जाता है। आज इस अवसर पर नवदुर्गा मंदिर की संस्थापक सदस्य श्रीमती सत्तेश्वरी मुंडेपी, अनीता जैदली, बबली असवाल, अनीता विडालिया , दिनेश डबराल एवं बड़ी संख्या में भक्तजन उपस्थित रहे।