एसडीएम न्यायालय के फैसले के बाद जागा विभाग, क्षतिपूर्ति हेतु शासन से की धन की मांग

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न्यायालय की अवमानना पर अधिशाषी अभियंता और के विरूद्ध हो सकती है 188 जाफदा फौजदारी की कार्यवाही

गढ़ निनाद समाचार* 31 दिसम्बर 2020

घनसाली। (लोकेंद्र जोशी) प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना के अन्तर्गत घुत्तू से वीना निर्माणाधीन मोटर मार्ग विभागीय लापरवाही के चलते हमेशा विवादों में रहा है।

ग्रामीणों और विभाग के बीच  का विवाद एसडीएम के द्वारा निस्तारण के बाद भी थमने का नाम नहीं ले रहा है। हुआ यूं कि, घुत्तू वीना निर्माणाधीन मोटर मार्ग निर्माण के स्टेज-1 के संदर्भ में ग्राम वीना निवासी श्री गिरधारी प्रसाद उनियाल एवम् अन्य ग्राम वासियों द्वारा जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल को 15 सितंबर 2020 को संयुक्त हस्ताक्षरित शिकायत पत्र दिया गया कि, उक्त मोटर मार्ग का निर्माण अधिशाषी अभियंता पीएमजीएसवाई और ठेकेदार द्वारा अन्य अनुभवहीन व्यक्तियों के माध्यम से सड़क का निर्माण कार्य करवाया जा रहा है। इसके साथ ही शिकायत कर्ताओं का यह भी आरोप है कि, पूर्व प्रधान एवम् उनके पति द्वारा काश्तकारों को विश्वाश में न लेकर सड़क का समरेखन बदलावाया गया है। ग्रामीणों व सिकायतकर्ताओं की बिना इजाजत के शिकायत कर्ताओं की सिंचित भूमि पर अवैध सड़क निर्माण कार्य किया गया है तथा उनके सार्वजनिक रास्ते, नहर एवम् प्राकृतिक जल स्रोत ,अवैध कटान एवम् मलवा गिराने से नष्ट कर दिए गए हैं। जिससे प्रभावित ग्रामीणों को घोर आपत्ति है।

जिस पर जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल के, आदेश के अनुपालन में,उपजिलाधिकारी घनसाली के द्वारा प्रशासिनक कार्यवाही अमल लेकर नायाब तहसीलदार घनसाली से जांच रिपोर्ट प्राप्त हुई। जिसमें संबंधित विभाग और उनके ठेकेदार के विरूद्ध शिकायत सही पाई गई तथा दोनों से तीन दिन के अंदर काश्तकारों की निजी भूमि और अन्य सार्वजनिक परिसंपति की क्षति के संबंध में कारण जाना गया। जिस पर कोई उत्तर उक्त अधिशाषी अभियन्ता के द्वारा नहीं दिया गया। परिणाम स्वरूप  प्रभावित कस्तकार गिरधारी प्रसाद के द्वारा दिनांक पुनः 31 अक्टूबर 2020 को जिलाधिकारी टिहरी गढ़वाल को पत्र प्रेषित होने पर नायाब तहसीलदार घनसाली श्रीमती रेणु सैनी के द्वारा बिंदुवार रिपोर्ट दी गई।

उन्होंने लिखा कि घुतू-वीना मोटर मार्ग से संबंधित कार्यदाई संस्था के कोई भी इंजीनियर मौके पर नहीं रहते हैं, मोटर मार्ग के स्टेज-1 कार्य हेतू कोई भी डंपिंग जोन चिन्हित नहीं किया गया है। जिससे मलवा ग्रामीणों की भूमि पर खुले रूप से डाला गया है जिससे लोक बाधा उत्पन्न हो रही है।

नायाब तहसीलदार घनसाली श्रीमती रेणु सैनी की फोटो सहित जांच रिपोर्ट से संतुष्ट होने पर न्यायालय उप मजिस्ट्रेट घनसाली आई.ए.एस. संदीप तिवारी के न्यायालय ने मुकदमा पंजीकृत कर श्री संजय श्रीवास्तव, अधिशासी अभियन्ता पीएमजीएसवाई. सिंचाई खण्ड नई टिहरी तथा बेताल सिंह कुमाई पंजीकृत ठेकेदार, पीएमजी एसवाई. सिंचाई खण्ड नई टिहरी दोनों के विरूद्ध अन्तर्गत धारा-133 जाफदा फ़ौजदारी के तहत वाद पंजीकृत कर नोटिस जारी किया गया और लोक बाधा पहुंचाने के सम्बन्ध अपना पक्ष रखने हेतु नोटिस जारी किया गया। नोटिस तामील के पश्चात भी जब दोनों विपक्षी न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए तो कोविड-19 के आधार पर न्यायालय में अपना पक्ष रखने पर मौका दिया गया । किन्तु दोनों विपक्षी में से ठेकेदार तो उपस्थित हुआ लेकिन विपक्षी संख्या 1 अधिशासी अभियन्ता न्यायालय में उपस्थित नहीं हुए। बजाय अधिशाषी अभियंता संजय श्रीवास्तव के द्वारा न्यायालय को अपने विभागीय पत्र से निर्देश दिया गया कि, मेरे नाम से भविष्य में न्यायालय से कोई नोटिस जारी न किया जाए । पत्र में उल्लेख किया गया कि मेरे न्यायालय में उपस्थित न होने पर मेरे द्वारा अपने सहायक अभियंता का जवाब मांगा गया था। और उक्त प्रकरण में आरोपित अधिशासी अभियंता के द्वारा न्यायालय को पत्र भेज कर अपने दायित्वों की इतिश्री की गई। जिससे उपजिला मजिस्ट्रेट आईएएस संदीप तिवारी के न्यायालय द्वारा मुकदमे की सुनवाई कर अपने अंतिम आदेश दिनांक 25 नवम्बर 2020 में निर्णय पारित करते हुए कहा कि, विपक्षी संख्या-1 श्री संजय श्रीवास्तव अधिशासी अभियंता पीएमजीएसवाई, सिंचाई खण्ड नई टिहरी, तथा विपक्षी संख्या-2 श्री बेताल सिंह कुमाई  ठेकेदार के विरूद्ध आदेश पारित करते हुए निर्देश दिया कि, विपक्षगण आदेश के 15 दिन के अंदर घुतू वीना मोटर मार्ग से शिकायतकर्ताओं के खेतों, गूलों, आम रास्तों एवम् जल स्रोत के दबान के फलस्वरूप पैदा हुई लोक बाधा को दूर करना सुनिश्चित करें , अन्यथा न्यायालय किसी सक्षम कार्यदाई संस्था से कार्य  करवा कर दोनों विपक्षियों से रीतिनुसार ब्यय वसूल करेगी। ऐसे न कर पाने की दशा में विपक्षीगण के विरूद्ध 188 भारतीय दण्ड प्रक्रिया संहिता के अन्तर्गत कार्यवाही भी सुनिश्चित की जाएगी। किसी विभागीय अधिकारी के विरूद्ध उप जिलामाजिस्ट्रेट घनसाली के न्यायालय द्वारा इस तरह की यह पहली कार्यवाही सामने अाई है। दूसरी ओर उक्त निर्णय के पश्चात उक्त अधिशासी अभियंता के द्वारा ग्रामीणों की क्षतिपूर्ति हेतु शासन को पत्र लिख कर धन की मांग की गई है।


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Govind Pundir

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