गीत: ‘पिया तुम आ जाओ’

गीत: ‘पिया तुम आ जाओ’
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बाट निहारूं ओ मनमीत,
तुमसे ही प्रीत की जीत,
सह न पाऊँ विरह के गीत,
पिया तुम आ जाओ।

जब से लागे तुमसे नैन,
फिरूँ बावरी न पाऊँ चैन,
बिसरी क्या दिन क्या रैन,
पिया तुम आ जाओ।

बैरन सावन की फ़ुहार,
मेरा घुलता जाय श्रिंगार,
व्याकुल ह्रदय की पुकार ,
पिया तुम आ जाओ।

कुम्ह्लाया उलझे गेसुओं में गजरा,
न लाली, महावर न भाये कजरा,
बरसाये अगन देह तरसाये बदरा,
पिया तुम आ जाओ।

तुम संग नाचे मन का मोर,
कब तक तड़पूँ ओ चितचोर,
अब धड़कन पर रहा न जोर,
पिया तुम आ जाओ।

रूठे हो तुम तो, मैं मनाऊँ,
करूँ मनुहार मैं वारी जाऊँ,
सुगंध सी तन-मन में बस जाऊँ,
पिया तुम आ जाओ।

🙏पीताम्बर की कलम से ✒️


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admin

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