पुलिस जांच सही न मानते हुए गिरफ्तारी पर रोक

पुलिस जांच सही न मानते हुए गिरफ्तारी पर रोक
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गढ़ निनाद न्यूज़* 9 अगस्त 2020

देहरादून: कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय के भाई सचिन उपाध्याय प्रबंधक, WIC ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए कहा है कि देहरादून के पटेलनगर थाने में कुछ दिनों पहले मेरे खिलाफ एक जमीनी धोखाधड़ी का मामला प्रदीप बडोनी के आरोप पत्र के आधार पर दर्ज किया गया था। जमीन फर्जीवाड़े से सम्बन्धित आरोप के मुकदमे में माननीय उच्च न्यायलय ने मेरे द्वारा प्रस्तुत किये गये दस्तावेजों के आधार पर गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है। 

उन्होंने बताया कि 31 जुलाई को हरियाणा निवासी प्रमोद बडोनी ने मेरे खिलाफ 420 का मुकदमा दर्ज कराया था। माननीय न्यायालय में मेरे पक्ष को देखने के बाद मुकदमा दर्ज करने में माननीय न्यायालय ने पुलिस की जाँच को एकतरफा  बताते हुए पुनः जांच करने के साथ ही हमारे पक्ष को भी सुनने और जांच पत्रावली में दर्ज करने का आदेश दिया है।

सचिन ने बताया कि न्यायालय में मेरा पक्ष रखने वाले मेरे वकील श्री जतिन दुग्गल ने न्यायालय के समक्ष वो बिक्रीनामा (sale deed) को भी प्रस्तुत किया, जिसके आधार मुझ पर फर्जीवाड़े का आरोप लगाया गया है। बिक्रीनामा में साफ़ है कि, ना मैं विक्रेता हूँ, ना ही गवाह हूँ। जो अपने आप में स्पष्ट है, साथ ही जो तर्क मुकदमे में दिया गया है, वह भी अपूर्ण है। क्योंकि मुकदमे में ‘संदेह’ शब्द का प्रयोग हुआ है।

वकील श्री जतिन दुग्गल ने बताया कि, संदेह के आधार पर विवेचकों को FIR दर्ज करने का आधिकार नहीं था। उच्च न्यायालय का भी मत है कि, मामले की विवेचना होनी चाहिए। जबकि, पुलिस ने केवल शिकायत के आधार पर 420 का मुकदमा दर्ज कर लिया। जबकि, वादी स्वयं बता रहा है कि, उन्होंने मौके पर कब्ज़ा भी ले लिया, साथ ही अपनी बाउंड्री भी कर ली। 2012 की जमीन का मामला अब 2020 में लेकर आना भी अपने आप में एक संदेहात्मक है।

सचिन का कहना है कि माननीय न्यायालय ने सभी दस्तावेज़ देखे, जिनमे ना मैं विक्रेता हूँ और ना ही गवाह । अब तक जांच में हमारी पत्रावली को विवेचना में ग्रहित नहीं किया गया था।  माननीय न्यायालय के आदेश के बाद अब हम अपनी पत्रावली को विवेचना में ग्रहित करायेंगे। क्योंकि हमारी इस पूरी शिकायत सम्बन्धी मामले में कोई भूमिका नहीं है। क्योंकि विक्रेता और क्रेता दोनों हम से अलग हैं, गवाह भी उन्हीं के हैं। मौके पर उक्त जमीन भी मौजूद है और वादी के नाम उक्त जमीन का दाखिल ख़ारिज भी है। तो ऐसे में 420 सरीखा कोई कार्य नहीं हुआ है। कहा कि कुछ लोगों ने अपने व्यक्तिगत हित के लिए यह कार्य किया है, जो विवेचना के बाद साफ़ हो जायेगा।

सचिन उपाध्याय ने कहा कि मैं इस षडयंत्र के पीछे छुपे लोगों को साक्ष्यों के साथ जल्द बेनकाब करूंगा, जिसने मेरी व मेरे भाई (किशोर उपाध्याय, कांग्रेस नेता) की राजनीतिक छवि को भी धूमिल करने का प्रयास किया है। 


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Govind Pundir

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