कार्यालय शिफ्टिंग पर न हो राजनीति

कार्यालय शिफ्टिंग पर न हो राजनीति
Please click to share News

गढ़ निनाद, 16 फ़रवरी 2020

नई टिहरी: नरेंद्र नगर स्थित लगभग एक दर्जन जिला स्तरीय कार्यालयों को जिला मुख्यालय शिफ्ट करने को लेकर एक बार फिर से राजनीतिक रार छिड़ गई है। देखना होगा कि कार्यालयों की शिफ्टिंग की कार्यवाही पर इसका क्या असर होता है।

टिहरी गढ़वाल के ईमानदार जिलाधिकारी डॉ षणमुगम ने जनहित में चौदह फरवरी को नरेंद्र नगर स्थित जिला स्तरीय कार्यालयों को नई टिहरी शिफ्ट करने का आदेश दिया था। आम जनता से सीधे जुड़े इन कार्यालयों के जिले के एक छोर पर होने के कारण अन्य आठ ब्लाकों के लोगों को भारी दिक़्क़तों का सामना करना पड़ता है।

2016 में तत्कालीन डीएम नीरज ज्योति खैरवाल ने सख्त रवैया अपनाते हुए इन कार्यालयों को नई टिहरी शिफ़्ट करने के लिए प्रयास किए थे। समाज कल्याण विभाग का कार्यालय शिफ़्ट भी हुआ। शेष आधे-अधूरे कार्यालय नरेंद्र नगर वापस हो गये।  नरेंद्र नगर में प्रशासन की इस कार्रवाई का खासा विरोध हुआ था।

उत्तर प्रदेश सरकार ने 1989 में जिला मुख्यालय नरेंद्र नगर से नई टिहरी शिफ्ट कर दिया था। जिलाधिकारी, पुलिस अधीक्षक, सीएमओ कार्यालय यहां शुरुआत में शिफ्ट किए गए थे। लेकिन सभी क्षेत्रों के आमजन से जुड़े ये 11 कार्यालय नरेंद्र नगर में जमे हुए हैं।  नरेंद्र नगर शहर के लोगों की आशंका है कि इन कार्यालयों की शिफ्टिंग से उनको नुकसान होगा। जाहिर है क्षेत्रीय नेता अपने इलाका वासियों की नाराज़गी झेलना नहीं चाहते हैं। माना जाता है कि इन विभागों के अधिकारी कर्मचारी नहीं चाहते कि कार्यालय नई टिहरी शिफ़्ट हों। ऐसे अधिकारी-कर्मचारियों के घर परिवार देहरादून, ऋषिकेश आदि जगहों पर हैं । इसलिए उनकी सुविधा जिले के लाखों लोगों पर भारी पड़ रही है।

नई टिहरी शिफ़्ट होने पर उनको जिलाधिकारी की हर समय मौजूदगी का डर सताता रहेगा। कार्यालय छोड़ना आसान नहीं होगा।

इन कार्यालयों के आने से जिले के तमाम अन्य क्षेत्रों के लोगों के एक साथ कई काम हो जायेंगे। साथ ही उनको समय और पैसे की बर्बादी से निजात मिल पाएगी। जनपद के अधिकांश जन प्रतिनिधि, संगठन इन कार्यालयों को तुरंत नई टिहरी शिफ़्ट करने के पक्ष में हैं।

 इधर सोशल मीडिया पर पूर्व मंत्री दिनेश धनै के समर्थकों की इस मसले पर सक्रियता और नरेंद्र नगर विधायक एवं कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल द्वारा शिफ्टिंग रोकने के निर्देश के बाद संशय पैदा हो रहा है कि प्रशासन की जनहित की कोशिशों को पहले जैसी गति मिल पाएगी या नहीं। लोगों का मानना है कि फ़िलहाल श्रेय की राजनीति बंद कर जिलाधिकारी को जनहित में अपना काम करने देना चाहिए।

इन कार्यालयों को जिला मुख्यालय शिफ्ट करने की मांगों को लेकर निरंतर सक्रिय रहे एकता मंच के संयोजक आकाश कृशाली, पालिका अध्यक्ष सीमा कृशाली, नागरिक मंच सहित अनेक संगठन और संभ्रांत नागरिक चाहते हैं कि प्रशासन अपने आदेश का बिना किसी राजनीतिक दबाव के पालन कराये।


Please click to share News

admin

Related News Stories