श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय: कुलपति का एक साल बेमिसाल

श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय: कुलपति का एक साल बेमिसाल
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चुनौतियों को अवसर में बदल रहे हैं कुलपति ध्यानी

गढ़ निनाद समाचार* 1 दिसम्बर 2020

नई टिहरी। श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति एवं प्रख्यात वैज्ञानिक डा0 पीताम्बर प्रसाद ध्यानी का एक साल बेमिसाल रहा।

डॉ0 ध्यानी को 01 दिसम्बर, 2019 को श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति की कमान सौंपी गई थी। आज कुलपति का एक साल का कार्यकाल पूरा हो गया है। इस मौके पर विश्वविद्यालय के समस्त अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने केक काट कर प्रसन्नता जाहिर की और उन्हे बधाई दी। 

डा0 ध्यानीे अपने पूरे मनोयोग से चुनौतियों को अवसर में बदलकर विश्वविद्यालय को उत्कृष्ठता की ओर ले जा रहे हैं। कार्यभार ग्रहण करने के बाद विश्वविद्यालय मुख्यालय में 01 दिसम्बर, 2019 को एक प्रेस क्राफेंस आयोजित की गयी थी, जिसमें उन्होने अपनी प्राथमिकताओं को गिनाया था। उनकी मुख्य प्राथमिकताओं थी विश्वविद्यालय के मुख्यालय में प्रशासनिक ढांचे को दूरस्त करना, विश्वविद्यालय में नकल विहीन परीक्षाओे को सम्पन्न कराना,अल्प समय में परीक्षा परिणाम घोषित करना और मान्यता प्रणाली को पूर्ण रूपेण जवाबदेही, पारदर्शी एंव भष्ट्राचार मुक्त बनाना। इन सभी प्राथमिकताओं में डा0 ध्यानी पूर्ण रूपेण सफल हुये हैं।

बता दें कि डा0 ध्यानी, कुलपति कार्यभार ग्रहण करने के बाद लगातार विश्वविद्यालय के मुख्यालय में बैठ रहे हैं और दिन रात कार्यो का सम्पादन कर रहे हैं। वह राज्य के पहले ऐसे कुलपति हैं जिन्होनें परीक्षा के दौरान विभिन्न परीक्षा केन्द्रों का स्वंय औचक निरीक्षण किया और कई परीक्षा केन्द्रों को, जो नकल को बढावा दे रहे थे, निरस्त किया। वह स्वंय विश्वविद्यालय से सम्बद्ध महाविद्यालयों मे जाकर शिक्षको से उच्च शिक्षा के उन्नयन के लिये गहन विचार विमर्श कर रहे है, वित्त विभाग में स्वंय बैठकर सभी अधिकारियों से लम्बित बिलों का भुगतान करवा रहे हैं। लगभग 85 प्रतिशत लम्बित बिलों का भुगतान विश्वविद्यालय द्वारा ई पेमेंट के माध्यम से किया जा चुका है।

साथ ही परीक्षाओं को नकलविहीन बनाने हेतु गढ़वाल जनपद के सातों जिलों में स्वंय जाकर 79 परीक्षा केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया,जिसमें कई परीक्षा केन्द्रो को तत्काल प्रभाव से निरस्त किया। निरस्त करने के बाद राज्य के महाविद्यालयों में नकलविहीन परीक्षाओं को कराने का माहौल कायम हुआ। 

बता दें कि श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय मे गढ़वाल मण्डल के सातों जनपदों में 54 राजकीय और 114 निजी महाविद्यालय श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय से सम्बद्ध है। जहां लगभग एक लाख छात्र अध्ययन कर रहे हैं।

महाविद्यालयों की सम्बद्धता हेतु निजी संस्थानों द्वारा लगातार विश्वविद्यालय के मुख्यालय में अनेकों बार चक्कर लगाने पडते थे, फलस्वरूप कई महाविद्यालय, जो मानकों को पूरा नही करते थे, वे भी सम्बद्धता प्राप्त कर लिये थे, इसी को ध्यान में रखकर मान्यता प्रणाली को पूर्ण रूपेण पारदर्शी, जवाबदेही और भष्ट्राचार मुक्त बनानेे का काम किया है।

विश्वविद्यालय में सम्बद्धता हेतु आॅनलाईन सम्बद्धता पोर्टल तैयार किया गया। जिसके चलते 20 जुलाई, 2020 से 31 अगस्त, 2020 तक आनलाईन आवेदन किये गये। इस आनलाईन प्रक्रिया में 290 आवेदन पत्र, विश्वविद्यालय को प्राप्त हुये, जिसमें 154 सम्बद्धता प्रस्ताव ही प्रथम दृष्टिया अर्ह पाये गये जो सम्बद्धता मानकों को पूर्ण करते थे। विश्वविद्यालय द्वारा 136 प्रस्तावों को मानक पूर्ण न होने पर तथा गलत आवेदन भरने पर विश्वविद्यालय द्वारा अस्वीकार किया गया।जिससे निजी महाविद्यालयों में हडकंप मच गया और एक सकारात्मक संदेश गया कि बिना मानकों को पूर्ण किये कोई भी महाविद्यालय अब विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त नही कर सकता। 

विश्वविद्यालय में मात्र 06 अधिकारी होने के बाद भी डा0 ध्यानी हर चुनौती को स्वीकार कर लेते हैं। रिक्त पदों पर बहुत ही पारदर्शी रूप से और बिना किसी दवाब के केवल अर्हता एंव योग्यता के आधार पर, नियुक्तियां कराना है। ताकि विश्वविद्यालय में योग्य, प्रेरित, कुशल, सक्षम, व्यक्ति ही योगदान दे सके।

यह भी अवगत करा दें कि डा0 ध्यानी का पिछले 39 वर्षो का (12 वर्ष उत्तर प्रदेश सरकार में, 25 वर्ष केन्द्र सरकार में और 02 वर्ष निजी विश्वविद्यालय में) बहुत ही अच्छा टैर्क रिकार्ड रहा है। डा0 ध्यानी एक कुशल प्रशासक, ईमानदार, प्रख्यात वैज्ञानिक एंव शिक्षाविद् हैं। उम्मीद की जानी चाहिए कि उनके मार्ग दर्शन में विश्वविद्यालय नित नए आयाम स्थापित करेगा। 


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Govind Pundir

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