कथा: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला (भाग-5 )

कथा: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला (भाग-5 )
विक्रम बिष्ट
Please click to share News

शिक्षा व्यवस्था किस ओर?

विक्रम बिष्ट

जनवरी 2020 रानीखेत में छात्रवृत्ति घोटाले में मोनार्ड विश्वविद्यालय के उपनिबंधक पर मुकदमा। साथ में इंडियन ओवरसीज बैंक हापुड  के शाखा प्रबंधक पर भी। 

उससे  पूर्व चंपावत के पूर्व सहायक समाज कल्याण अधिकारी के खिलाफ केस। आरोप है कि हरिद्वार के कुछ लोग बनवासा में फर्जी शिक्षण संस्थान खोल कर लाखों रुपए छात्रवृत्ति हड़प कर निकलते बने।  देहरादून में 2 संस्थानों पर मुकदमा हुआ। छात्रों के फर्जी प्रवेश दिखाकर छात्रवृत्ति डकार ली। सिलसिला चलता रहा। 

देश की आजादी के आंदोलन से लेकर आपातकाल के विरोध तक बिहार का शानदार इतिहास है। एक समय ऐसा भी आया जब जयप्रकाश नारायण की समग्र क्रांति की भूमि बिहार रंगदारी और फर्जी शिक्षण संस्थाओं के लिए कुख्यात हो गया। नीतीश कुमार बिहार को पटरी पर ले आए। फर्जी शिक्षण संस्थाओं के मामले में उत्तराखंड क्या उसी बिहार के रास्ते पर है? अहिंसक  रंगदारी तो है ही। इसकी कथाएं अनंत हैं।

दशमोत्तर छात्रवृत्ति समाज कल्याण विभाग देता है। इसलिए घोटाले के केंद्र में यह विभाग है। लेकिन शिक्षा महकमे की भी तो जिम्मेदारी है। शुरुआत से अंत तक इस घोटाले के केंद्र तो शिक्षण संस्थान ही हैं। वे फर्जी हो अथवा सरकार, विश्वविद्यालयों द्वारा मान्यता प्राप्त। मामला सिर्फ दशमोत्तर छात्रवृत्ति तक सीमित नहीं है। बल्कि पूरी शिक्षा व्यवस्था के लगभग असाध्य रोग का है। इस सिलसिले पर जरा गौर करें।

कल अवश्य पढ़िए– कथा: दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाला (भाग-6)


Please click to share News

Govind Pundir

Related News Stories