पवार के बयान पर बढ़ी सियासी सरगर्मी के बीच CM उद्धव ठाकरे पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात

पवार के बयान पर बढ़ी सियासी सरगर्मी के बीच CM उद्धव ठाकरे पीएम मोदी से करेंगे मुलाकात
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मुंबई: एएनआइ। राकांपा सुप्रीमो शरद पवार के उस बयान के बीच जिसमें उन्‍होंने कहा है कि अयोध्या में बनाए जाने वाले मस्जिद के लिए भी ट्रस्ट बनाई जानी चाहिए, महाराष्‍ट्र की सियासत गर्माती दिखाई दे रही है। श‍िवसेना नेता संजय राउत ने ट्वीट कर बताया है कि महाराष्‍ट्र के मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे कल यानी शुक्रवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगे। पिछले साल नवंबर में मुख्‍यमंत्री बनने के बाद पहली बार होगा जब उद्धव ठाकरे राष्‍ट्रीय राजधानी दिल्‍ली की यात्रा पर होंगे। 

शिवसेना नेता संजय राउत ने इस मुलाकात की कोई खास वजह नहीं बताई है। उन्‍होंने कहा है कि यह एक शिष्टाचार भेंट होगी। हालांकि यह नहीं बताया गया है कि अपने दिल्‍ली दौरे के दौरान उद्धव क्‍या कांग्रेस नेताओं से भी मुलाकात करेंगे या नहीं… मालूम हो कि बीते पिछले साल नवंबर में उद्घव ठाकरे ने विपरीत विचारधारा वाली कांग्रेस और राकांपा के समर्थन से महाराष्‍ट्र में सरकार बनाई थी। बीते कुछ दिनों से लगातार राज्‍य की गठबंधन सरकार में नेताओं के अलग अलग स्‍वर सामने आ रहे हैं। इससे अटकलों ने जोर पकड़ा है कि महाअघाड़ी की सरकार में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है। 

महाराष्‍ट्र में गठबंधन सरकार के बीच ताजा टकराव सीएए-एनआरसी और एनपीआर को लेकर भी है। एक ओर राकांपा और कांग्रेस CAA, NRC और NPR का खुलकर विरोध कर रही हैं जबकि दूसरी ओर उद्धव सरकार ने महाराष्‍ट्र में NPR के तहत जनगणना के लिए अधिसूचना जारी कर दी है। यही नहीं उद्धव ठाकरे CAA, NRC और NPR में अंतर समझाकर टकराव को और बढ़ा दिया है। इतना ही नहीं राकांपा सुप्रीमों शरद पवार ने ठाकरे के बयान को उनकी निजी राय बताते हुए दोहराया है कि उनकी पार्टी CAA, NRC और NPR के बिल्‍कुल खिलाफ है। 

उद्धव ने कहा कि यदि CAA लागू किया जाता है तो किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है। महाराष्ट्र में महा विकास आघाड़ी सरकार के बीच की तकरार एल्गार परिषद और भीमा-कोरेगांव की हिंसा की जांच को लेकर भी सामने आई है। एक ओर उद्धव ने एल्गार परिषद की जांच एनआईए को सौंपने पर हामी भरकर देशद्रोह और आम हिंसा के बीच फर्क का खाका खींचा है तो दूसरी ओर शरद पवार अड़े हुए हैं कि मामले की जांच एसआईटी से भी कराई जाए। सनद रहे कि पवार ने एल्गार परिषद की जांच एनआईए से कराने के केंद्र के फैसले के समर्थन पर कड़ी आलोचना की थी। 

मालूम हो कि महाराष्ट्र के उद्धव सात मार्च को अयोध्या जाने वाले हैं। इस दौरे पर वह अयोध्या में रामलला की प्रार्थना करेंगे और सरयू के तट पर आरती करेंगे। इस मौके पर देशभर के सैंकड़ों शिवसैनिक भी वहां मौजूद होंगे। वैसे शिवसेना अयोध्‍या में राम मंदिर का समर्थन करती रही है। केंद्र सरकार ने ट्रस्‍ट का गठन करके मंदिर निर्माण का रास्‍ता भी साफ कर दिया है। ऐसे में पवार के बयान को शिवसेना पर भी सियासी हमले के तौर पर देखा जा रहा है। वैसे उद्धव का पीएम मोदी से मुलाकात करने के फैसले ने महाराष्‍ट्र की सियासी सरगर्मी को और गरमाहट देने का काम किया है।


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