कोरोना वायरस संक्रमण से मृत का शव जलाना अनिवार्य

कोरोना वायरस संक्रमण से मृत का शव जलाना अनिवार्य
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  • कोरोना वायरस के संक्रमण से मृत का श्रीलंका में जलाकर दाह-संस्कार किया जाएगा
  • यह कदम संक्रमण को पूर्ण नष्ट और पुनः फैलने से रोकने हेतु लिया गया हैं

रमेश रावत, गढ़ निनाद न्यूज़ (जीएनएन) * 11 अप्रैल 2020 

कोरोना वायरस जनित महामारी से मरने वालों की अंत्येष्टि शव जलाकर ही की जाएगी। श्रीलंका सरकार ने इस भयावह संक्रमण की जटिलता और भविष्य में पुनः फैलने की सम्भावना को कम करने के लिए संक्रमित शरीर को पूर्ण नष्ट करने हेतु यह निर्णय लिया है। यह फ़ैसला में समाज की स्वास्थ्य सुरक्षा को धर्म या समुदाय के रिवाज से ज्यादा महत्ता देकर लिया आया है. यह वैश्विक महामारी की जटिलता के मद्देनजर संक्रमण को ख़त्म करने के उपाय के तौर पर लिया गया है। 

विशेषज्ञों से प्राप्त जानकारी अनुसार नष्ट की जा सकने वाली संकर्मित वस्तुयें या मृत शरीर आदि पूर्ण से नष्ट करने में ही पूर्ण सुरक्षा हैं। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि संक्रमण ख़त्म करने के इस उपाय का मुसलमानों द्वारा विरोध भी किया गया, परन्तु दूसरी तरफ अन्य लोगों ने शवों के दफनाने में ख़तरा जाहिर करते हुए अपने आस-पास के स्थानों में लाशें दफनाने का विरोध भी किया। लोगों ने शवों में ब्याप्त संक्रमण को मिटाने के लिए मृत-शरीर को जलाकर शीघ्र नष्ट करने पर जोर दिया। आगे बताया गया कि इस कदम को किसी धर्म विशेष के रिवाज की उपेक्षा नहीं समझा जाना चाहिए। 

समाचार एजेंसी के अनुसार श्रीलंका में कोरोना संक्रमण से अब तक सात लोगों की मौत हुयी है। सभी शवों की जला कर अंतेष्टि की गयी। इनमें से तीन मुसलमान समुदाय के थे और इनके सगे-संबंधी इसके लिए तैयार नहीं थे। 

श्रीलंका के स्वास्थ्य मंत्री पवित्रा वाणिअराचछी ने रविवार को कहा कि संक्रमण को नष्ट करने लिए, ”कोरोना वायरस के संक्रमण या संदिग्ध से हुई मौत के बाद शवों को जलाया जाएगा।” इस दिशा में विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा निर्देशों के अनुसार कोरोना वायरस संक्रमण से मौत के बाद शव को जलाया या दफनाया जा सकता है।  

गौरतलब है कि श्रीलंका में कोरोना से अब तक 200 से ज़्यादा लोग संक्रमित हैं और रोकथाम के लिए बेमियादी कर्फ़्यू लागू है। हालांकि श्रीलंका सरकार के शवों का जलाकर संक्रमण नष्ट करने के फ़ैसले का कुछ मोर्चों द्वारा आलोचना की जा रही है। परन्तु प्राप्त सरकारी सूत्रों के अनुसार सरकार का यह निर्णय देश के सर्व-समाज के स्वास्थ्य सुरक्षा के हित में लिया गया है। इसे भेदभाव से प्रचारित कर सामाजिक द्वेष पैदा न किया जाए। वर्तमान में कोरोना वायरस एक अभूतपूर्व स्वास्थ्य संकट है और वैश्विक स्तर पर सभी समाज के लोग संक्रमण के शिकार बने हुए हैं। कोरोना संक्रमण अभी भी लगातार फैलता जा रहा है। जिसके चलते इस संक्रमण की रोकथान के लिए हर एक स्तर हर संभव अभूतपूर्व ठोस कदम उठाये जाने चाहिए।


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