लॉक डाउन: कीप चिल्ड्रन रीडिंग – बनाए रखें पढ़ने की ललक

लॉक डाउन: कीप चिल्ड्रन रीडिंग – बनाए रखें पढ़ने की ललक
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गढ़ निनाद न्यूज़ * 1 मई

नयी दिल्ली (वार्ता)

लॉकडाउन के कारण स्कूलों के बंद रहने से करोड़ो बच्चों की पढ़ने लिखने की आदत खत्म होने का खतरा बढ़ने के बीच शिक्षा के क्षेत्र में काम कर रहे वैश्विक संगठन वर्ल्डलिडर ने माता पिता अध्यापकों तथा विशेषज्ञों की चिंता को कम करने के लिए ऐसा डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार किया है जिसमें मोबाइल पर खेलते हुए बच्चों में पढ़ने की ललक बनी रहेगी।

वर्ल्डलिडर ने यहा जारी एक विज्ञप्ति में यह जानकारी देते हुए बताया कि इस एप से कहानियो के माध्यम से बच्चों में पढ़ने की आदत को बनाये रखा जा सकता है। लॉक डाउन से देश में  30 करोड़ से ज्यादा बच्चे स्कूल का मुंह नहीं देख पा रहे हैं। विशेषज्ञों को आशंका है कि इससे शुरुआती कक्षाओं में भाषा सीखने के स्तर को पार करने की दहलीज पर खड़े नर्सरी के बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं।

ऐसे बच्चों की सीखने की क्षमता पर पड़ने वाले कुप्रभाव को रोकने के लिए इस गैर शैक्षिक संगठन ने कहानियों के माध्यम से बच्चों को पढ़ाने का यह नया आइडिया विकसित किया है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि इससे छोटे बच्चों की सीखने की क्षमता बरकरार रह्वेगी और उनमें नई—नई जानकारियों के प्रति उत्कंठा बढेगी।

संगठन ने कीप चिल्ड्रन रीडिंग यानी बच्चे पढ़ते रहे एप के जरिये बच्चों को पढ़ते रहने के लिए यह प्लेटफार्म तैयार किया है जिससे बच्चों को स्कूली पढ़ाई बंद होने के नुकसान से बचाया जा सकता है। संगठन का कहना है कि जब तक स्कूल कोविड-19 महामारी के दौरान बंद हैं, घरों पर ही, आराम और सुरक्षा के साथ, इन कार्यक्रमों से बच्चों को पढ़ा-सिखा सकते हैं। 

लॉक डाउन का सबसे अधिक नकारात्मक असर कम उम्र के नर्सरी के बच्चों पर पड़ रहा है। चूंकि वे सीखने के इस बहुमूल्य समय को खो रहे हैं।  माता-पिता को केयरगिवर अपने छोटे बच्चों के साथ कहानियां पढ़कर उनसे आत्मीय संबंध बनाने का मौका देता है। बड़े बच्चों के लिए भी ये किताबों के जरिये दुनिया की यात्रा करने के अवसर की तरह है। बच्चों के साथ बैठकर पढ़ने के इस अवसर को किसी भी कीमत पर गंवाना नहीं चाहिए।


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Govind Pundir

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