ग्रामीण क्षेत्रों की भौगौलिक स्थिति के अनुसार हो हर गाँव का वैज्ञानिक विकास: डॉ० डोभाल

ग्रामीण क्षेत्रों की भौगौलिक स्थिति के अनुसार हो हर गाँव का वैज्ञानिक विकास: डॉ० डोभाल
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गढ़ निनाद समाचार * 5 नवम्बर

देहरादून।

डॉ० मधु थपलियाल द्वारा संपादित पुस्तक “साइंस एंड टेक्नोलॉजी एप्लीकेशन इन रूरल एरिया” के विमोचन समारोह में महानिदेशक, यूकॉस्ट डॉ० राजेंद्र डोभाल ने बतौर मुख्य अतिथि सम्बोधन में कहा कि आज आवश्यकता है कि हम उत्तराखंड के प्रत्येक गाँव की भौगौलिक स्थिति को बेहतर तरीके से समझते हुए वहां का वैज्ञानिक विकास करें। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ० मधु थपलियाल राजकीय स्ना० पीजी कॉलेज, मालदेवता, रायपुर में जंतु विज्ञान विभाग की विभागाध्यक्ष हैं।

प्रत्येक क्षेत्र के कृषि व जल शक्ति को पहचानते हुए वहां का विकास इस तरह से हो कि वहां के युवाओं को एक स्थिर रोजगार प्राप्त हो सके। इसके लिए आवश्यक है कि हम जमीनी रूप से ग्रामीण क्षेत्रों की समस्याओं को समझें और जाने कि किस क्षेत्र में किस चीज का उत्पादन अधिक हो सकता है। जिससे कि पूरे प्रदेश एवं ग्रामीण जनता को इसका लाभ मिल सके।

पुस्तक की संपादिका डॉ० मधु थपलियाल ने बताया कि पुस्तक में युकस्ट द्वारा प्रदेश भर में किये जा रहे वैज्ञानिक कार्यों का विस्तृत वर्णन है। इसके अतिरिक्त विभिन्न वैज्ञानिकों एवं शिक्षको द्वारा किये जा रहे शोध के कार्यों को प्रकाशित किया गया है जिसमे उत्तराखंड राज्य में विभिन्न ग्रामीण जिलों में हो रही खेती, फल उत्पादन मछली उत्पादन जैसे विषयों को स्थान दिया गया है।

पुस्तक के विमोचन के अवसर पर राजकीय स्ना० महा० वि० रायपुर के प्राचार्य प्रो० सतपाल सिंह साहनी ने पुस्तक के विमोचन पर डॉ० मधु थपलियाल को बधाई दी। प्रो० सतपाल सिंह साहनी ने कहा कि निश्चित रूप से विज्ञानं एवं तकनीकी के क्षेत्र में इस तरह के प्रकाशन से उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में क्षेत्रीय उत्पादन में वृद्धी से समस्त प्रदेश की तरक्की होगी।

डॉ० मधु थपलियाल द्वारा यूकास्ट के महानिदेशक, डॉ० राजेंद्र डोभाल का विशेष रूप से आभार व्यक्त किया। विमोचन समारोह में यूकास्ट के पूर्व संयुक्त निदेशक डॉ० वासुदेव पुरोहित, वरिष्ट वैज्ञनिक डॉ० डी० पी० उनियाल, वरिष्ट वैज्ञानिक डॉ० आशुतोष मिश्रा, ग्राफ़िक एरा वि० वि० के प्रो० आशीष थपलियाल, डॉ० कैलाश भरद्वाज, डॉ० पियुष, डॉ० मनमोहन रावत, डॉ० प्रदीप, डॉ० विपिन बदालिया सहित कई वैज्ञानिक उपस्थित रहे।


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