राज्य विश्वविद्यालयों में शीघ्र लागू होगी डिजी लाॅकर व्यवस्था: डाॅ धन सिंह

राज्य विश्वविद्यालयों में शीघ्र लागू होगी डिजी लाॅकर व्यवस्था: डाॅ धन सिंह
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*प्रत्येक निजी शिक्षण संस्थान एक-एक गांव गोद लेकर चलायेंगे जागरूकता अभियान*

*निजी शिक्षण संस्थानों को वर्ष 2022 तक करवाना होगा नैक मूल्यांकन*

गढ़ निनाद समाचा* 5 फरवरी 2021।

देहरादून।  राज्य के राजकीय विश्वविद्यालयों में शीघ्र ही डिजी लाॅकर व्यवस्था लागू की जायेगी ताकि छात्र-छात्राओं को घर बैठे अपने अंक पत्र एवं प्रमाण पत्र उपलब्ध हो सकेंगे। यह व्यवस्था छात्र संख्या को मध्यनजर रखते हुए सर्वप्रथम श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय में लागू की जायेगी। राज्य के सभी उच्च शिक्षा प्रदान करने वाले निजी शिक्षण संस्थान एक-एक गांव को गोद लेकर सामाजिक, शैक्षिणक, स्वच्छता एवं स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता अभियान चलायेंगे।

यह बात उच्च शिक्षा, सहकारिता, प्रोटोकाॅल एवं दुग्ध विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डाॅ. धन सिंह रावत दून विश्वविद्यालय में निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों के साथ आयोजित बैठक में कही। डाॅ. रावत ने कहा कि वर्तमान में सर्वाधिक निजी शिक्षण संस्थान श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय से संबद्ध हैं। लिहाजा छात्र हित में डिजीटल लाॅकर व्यवस्था लागू करना अति आवश्यक है। इस संबंद्ध में उन्होंने श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय के कुलपति को कार्यवाही करने के निर्देश दिये। 

विभागीय मंत्री डाॅ. रावत ने कहा कि विश्वविद्यालय से मान्यता प्राप्त निजी शिक्षण संस्थान वर्ष 2022 तक नैक ग्रेडिंग का मूल्यांकन करायेंगे ताकि नई शिक्षा नीति के तहत उन्हें सरकार द्वारा स्वायत्ता प्रदान की जा सकेगी। इस अवसर पर कुलपति द्वारा कॉलेज संचालकों  की समस्त समस्याओं को प्राथमिकता के आधार पर  पूणऺ किए जाने का आश्वासन दिया गया। कुलपति द्वारा  माननीय उच्च शिक्षा मंत्री जी के समक्ष  विश्वविद्यालय की समस्याओं को मानव संसाधन की कमियों को प्रमुखता से उठाया गया । साथ ही  विश्वविद्यालय द्वारा किए गए अभिनव प्रयासों को भी बताया गया।

बैठक में निजी संस्थान के संचालकों ने विश्वविद्यालयों से सम्बद्ध पाठ्यक्रमों को वर्ष 2020 तक मान्यता दिलाने, विभिन्न पाठ्यक्रमों की प्राभूति राशि (एफडीआर) कम करवाने की मांग की। अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के छात्र-छात्राओं की छात्रवृत्ति की धनराशि उपलब्ध कराने की भी मांग रखी। जिस पर विभागीय मंत्री ने कहा कि निजी शिक्षण संस्थानों की जायज मांगों का शीघ्र निराकरण कराया जायेगा। साथ ही उन्होंने विश्वविद्यालय के प्रशासन को निर्देश दिये कि शिक्षा की गुणवत्ता को बनाये रखने के लिए समय-समय पर सम्बद्ध शिक्षण संस्थानों का निरीक्षण किया जाना चाहिए तथा जिन संस्थानों के मानक पूरे नहीं पाये जाते हैं उनके खिलाफ कार्रवाही की जानी चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि आने वाले समय में गढ़वाल मंडल के सभी निजी शिक्षण संस्थान एक ही विश्वविद्यालय से सम्बद्ध रहेंगे। 

उच्च शिक्षा मंत्री ने सभी निजी शिक्षण संस्थानों से अपने निकटतम गांव को गोद लेकर वहां पर सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक, स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति जागरूक कर समाज के उत्थान में अपना योगदान देने का आहवान किया। जिस पर सभी निजी शिक्षण संस्थानों के संचालकों ने सहमति जताई। 

बैठक में कुलपति श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय प्रो. पी.पी.ध्यानी, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, सलाहकार रूसा प्रो. एमएसएम रावत, प्रो. के.डी.पुरोहित, डाॅ. एच.सी. पुरोहित, मंगल सिंह मद्रवाल, डाॅ. हेमन्त बिष्ट, सुनील नौटियाल, निजी शिक्षण संस्थानों के संचालक चैधरी दरियाब सिंह, हरीश अरोड़ा, मोहित अग्रवाल, सचिन सिंघल, निशा वर्मा, प्रतिक्षा जुयाल, अनिल तोमर, ललित जोशी, राजेन्द्र चौहान, अश्विनी चैबे, शूरवीर चौहान सहित दो दर्जन से अधिक निदेशक एवं उनके प्रतिनिधि उपस्थित रहे।


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Govind Pundir

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