★सतर्कता से सफलता की कहानी★
★◆★सतर्कता से सफलता की कहानी★◆★
■■■ आज दिनांक 04 मई 2021 की प्रातः लगभग 9:00 बजे आपदा/कोविड कंट्रोल रूम, टिहरी गढ़वाल के हेल्पलाइन नम्बर की घंटी घनघना उठी। यूं तो हेल्पलाइन नम्बर पर कॉल आती ही रहती हैं, लेकिन इस बार कॉल सामान्य नहीं थी। फोन के दूसरी तरफ भागीरथीपुरम में बागी पंप के समीप से आशिफ अली बात कर रहे थे।
आशिफ अली ने बताया कि उनके पिता बाबू हुसैन को कल सांस लेने में समस्या आ रही थी, जिसके कारण पिता को लेकर वो देहरादून के मैक्स हॉस्पिटल गए थे। टेस्ट कराने पर पता चला कि कोविड पोजेटिव हैं, लेकिन वहां बैड नहीं मिल पाया। कुछ दवाईयां लेकर कल 2 बजे तक वो पिता को लेकर वापस भागीरथीपुरम अपने घर आ गए।
आज सुबह से पिता जी को सांस लेने में दिक्कत हो रही है तथा ऑक्सीजन लेवल भी 74 है। मैक्स हॉस्पिटल से जो दवाईयां मिली थी, उनको देने के उपरांत भी ऑक्सीजन लेवल 78 ही पहुंचा। ऑक्सीजन लेवल कम होना वाकई में चिंताजनक था, जबकि इस बीच स्थानीय स्तर पर प्राइवेट चिकित्सक द्वारा भी कुछ उपचार किया गया, लेकिन फायदा नजर नहीं आया। आपदा/कोविड कंट्रोल रूम हरकत में आ चुका था। कंट्रोल रूम में तैनात फार्मासिस्ट द्वारा दूरभाष पर इनको कुछ प्राथमिक उपाय बताए गए। गरम पानी पीने को बताया गया। Prone Position में लिटवाया गया। फिर भी ऑक्सीजन लेवल 83 से ऊपर नहीं बढ़ा। लगभग 9:45 पर एम्बुलेंस की जरूरत आन पड़ी थी। कंट्रोल रूम से कॉम्युनिकेशन शुरू हो चुका था। लेकिन चिंता तब और बढ़ गयी, जब पता चला कि मुख्यालय की एक एम्बुलेंस किसी डेड बॉडी केस में, दूसरी बादशाहीथौल, तीसरी केस को लेकर नरेन्द्रनगर जाने में व्यस्त थी।
जिला प्रशासन द्वारा चम्बा में कोविड पेशेंटों को लाने-लेजाने हेतु मोडिफाइड एम्बुलेंस भी दी गयी हैं, जिनमें दवाईयां और ऑक्सीजन की व्यवस्था भी है। इस मोडिफाइड एम्बुलेंस को तत्काल रवाना किया गया। विकल्प THDC हॉस्पिटल भागीरथीपुरम की एम्बुलेंस भी थी, उनको भी इस बारे में सूचित किया गया। लगभग 11:00 बजे मोडिफाइड एम्बुलेंस और THDC एम्बुलेंस मरीज के पास पहुंच गयी। THDC हॉस्पिटल की एम्बुलेंस बड़ी व मोडिफाइड एम्बुलेंस की तुलना में बेहतर थी। निर्णय लिया गया कि THDC की एम्बुलेंस से ही इनको कोविड केयर सेंटर नरेन्द्रनगर सुमन चिकित्सालय रैफर किया जाय। लगभग 1:00 बजे एम्बुलेंस नरेन्द्रनगर चिकित्सालय में थी। अभी बाबू हुसैन जी को ऑक्सीजन कॉन्सनट्रेटर फेसिलिटी पर चिकित्सकों की निगरानी पर रखा गया है। अब स्थिति में सुधार है तथा ऑक्सीजन लेवल भी 86 हो गया है।
बाबू हुसैन के पुत्र आशिफ अली का कहना है – “कंट्रोल रूम में बात करने के बाद कंट्रोल रूम से डॉ मैडम द्वारा बराबर मुझसे संपर्क कर मेरे पिताजी की स्वास्थ्य पर नजर रखी जा रही थी। स्वास्थ्य विभाग की एक अन्य डॉ मैडम ने भी मुझे एम्बुलेंस भेजने की जानकारी दी। मुझसे लगातार बात की गई, मुझे बहुत अच्छा लगा, जिला प्रशासन का धन्यवाद।”
कोरोना काल में सहयोग-समर्पण-दृढ़ विश्वास के साथ,
जिला प्रशासन टिहरी है, हर पल आपके साथ।।