पुष्कर सिंह धामी ने ली उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ: पुराने सभी मंत्रियों ने भी ली शपथ

पुष्कर सिंह धामी ने ली उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पद की शपथ: पुराने सभी मंत्रियों ने भी ली शपथ
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देहरादून। उत्तराखंड के 11वें मुख्यमंत्री के रूप में आज पुष्कर सिंह धामी ने सीएम पद की शपथ ले ली है। उनके साथ सतपाल महाराज, हरक सिंह रावत, बंशीधर भगत, यशपाल आर्य, बिशन सिंह चुफाल, सुबोध उनियाल, अरविंद पांडे, गणेश जोशी, डॉ धन सिंह रावत, रेखा आर्य और यतिस्वरानंद ने मंत्री पद की शपथ ली।

उत्तराखंड के सबसे युवा 45 साल के पुष्कर सिंह धामी ने आज मुख्यमंत्री पद की शपथ ले ली है और वे राज्य के 11 मुख्यमंत्री बन गए हैं।  उन्होंने राजभवन में अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ शपथ ली है। राज्यपाल श्रीमती बेबीरानी मौर्य ने मुख्यमंत्री एवम अन्य सभी मंत्रियों को पद एवम गोपनीयता की शपथ दिलाई।

बता दें कि पुष्कर धामी के नाम का ऐलान शनिवार को देहरादून में हुई बीजेपी के विधायक दलों की बैठक में किया गया था। उनके मुख्यमंत्री बनाए जाने की वजह से कई बीजेपी नेताओं में नाराजगी की भी बातें आज दिनभर सोशलमीडिया में तैरती रहीं। सुबह से ही इस मामले पर बंद कमरे में बैठकें का दौर जारी रहा। राजभवन में हुए शपथ ग्रहण समारोह में बीजेपी के कई दिग्गज नेता मौजूद रहे। 

बता दें कि निवर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कल देर रात राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। रावत ने कहा था कि वर्तमान समय में उत्तराखंड में उप चुनाव कराना संभव नहीं है इसलिए जनप्रतिनिधि कानून की धारा 151-A के तहत वह अपना इस्तीफा सौंप रहे हैं। कल ही मुख्यमंत्री दिल्ली से देहरादून पहुंच गए थे। तीरथ सिंह रावत को 3 महीने पहले ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की कमान सौंपी गई थी।

जानते हैं कौन हैं पुष्कर धामी

पिथौरागढ़ के टुंडी गांव में 16 सितंबर 1975 को जन्मे पुष्कर धामी ने लखनऊ विश्वविद्यालय से पोस्ट ग्रेजुएट किया है। व्यावसायिक शिक्षा में उन्होंने मानव संसाधन प्रबंधन और औद्योगिक संबंध से मास्टर डिग्री ली है। वह दो बार भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं।

सैनिक पुत्र होने के नाते राष्ट्रीयता, सेवा भाव एवं देशभक्ति को ही उन्होंने धर्म के रूप में अपनाया. आर्थिक अभाव में जीवन यापन कर सरकारी स्कूलों से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की. तीन बहनों के पश्चात अकेला पुत्र होने के नाते परिवार के प्रति जिम्मेदारियां हमेशा बनी रहीं ।

1990 से 1999 तक ABVP में विभिन्न पदों पर रहे।लखनऊ विश्वविद्यालय में धामी छात्र समस्याओं को उठाने के लिए जाने जाते थे. 1990 से 1999 तक वो ABVP के विभिन्न पदों पर रहे। धामी लखनऊ में संपन्न हुए ABVP के राष्ट्रीय सम्मेलन के संयोजक और संचालक रहे हैं जो बड़ी बात है।


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Govind Pundir

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