भारतीय वन सेवा अधिकारियों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया

भारतीय वन सेवा अधिकारियों के लिए पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया
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देहरादून। भारतीय वन सेवा अधिकारियों के लिए ‘‘वन क्षेत्र वर्धन एवं आजीविका सुधार’’ विषय पर पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें वन मंडल अधिकारियों से लेकर प्रमुख मुख्य वन संरक्षक तक के अधिकारियों ने भाग लिया।  

कार्यक्रम के प्रारम्भ में श्रीमती ऋचा मिश्रा प्रमुख, विस्तार प्रभाग ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यक्रम की भूमिका बताई। 

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद, देहरादून के महानिदेशक श्री अरुण सिंह रावत, भा.व.से. ने अधिक से अधिक आधुनिक कृषिवानिकी पद्वतियों को किसानों के खेतों में अपनाने पर जोर दिया, जिससे वनों के बाहर वन संवर्धन के साथ-साथ किसानों तथा कृषि वानिकी व्यवसाय से परोक्ष एवं अपरोक्ष रूप से जुड़े लोगों की आजीविका में सुधार लाया जा सके। उन्होंनें कृषि वानिकी उत्पादों के विपणन के लिए सुदृण बाजारीकरण की आवश्यकता पर जोर दिया। 

प्रशिक्षण के तकनीकी सत्र में देश विदेश के विषय विशेषज्ञों द्वारा कृषि वानिकी के विभिन्न पहलुओं पर विचार रखे गए। प्रशिक्षण में विदेश से जुड़े हुए विषय विशेषज्ञों में प्लोरिडा विश्व विद्यालय, यू. एस. ए. के प्रवक्ता डा0 पी.के.आर. नायर, पैराडेनिया विश्वविद्यालय, श्रीलंका के डा0 डी.के. एन.जी. पुश्पाकुमारा, इंटरनेशनल सेंटर फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च इन ड्राई एरिया, मिस्र के प्रधान वैज्ञानिक डा0 चन्द्रशेखर विरादर शामिल थे।

देश के विभिन्न संस्थानों तथा विभागों से शामिल विषय विशेषज्ञों में श्री जगदीश चन्द्र, प्रमुख मुख्य वन संरक्षक, हरियाणा वन विभाग, डा0 देवेन्द्र पाण्डे, भारतीय मृदा एवं जल संरक्षण संस्थान देहरादून के प्रधान वैज्ञानिक डा0 चरन सिंह, राजस्थान से डा0 एस. कला, चण्डीगढ़ से प्रधान वैज्ञानिक डा0 पंकज पंवार, चौधरी चरण सिंह,हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के वानिकी के एसोसियेट प्रोफेसर डा0 संदीप आर्या, वन अनुसंधान संस्थान, देहरादून के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 अशोक कुमार, ड0 विपिन प्रकाश,  आई,सी,ए,आर,काफरी झांसी के निदेशक डा0 ए. अरुणाचलम, वीर चन्द्र सिंह, उत्तराखंड बागवानी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, भरसार उत्तराखंड के प्रभाग प्रमुख व डीन डा0 अरविन्द विजलवान समेत कई ने अपने विचार व्यक्त किए।  

पेनल डिस्कसन के दौरान डा. पी. पी. भोजवैद, डा0 जितेन्द्र शर्मा, डॉ. सलील कुमार तिवारी, श्री अमरजीत सिंह डण्डियाला, श्री प्रदीप बक्शी आदि प्रमुख वन अधिकारी बतौर विषय विशेषज्ञों शामिल रहे।  

कार्यक्रम का संचालन डा0 देवेन्द्र कुमार, वरिष्ठ वैज्ञानिक ने किया तथा टीम के अन्य सदस्यों डा0 चरण सिंह, श्री रामवीर सिंह, श्री विजय कुमार तथा अन्य अधिकारी और कर्मचारियों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।


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Govind Pundir

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