9 सेकेंड में ‘घमंड चूर’, इतिहास बन गया ट्विन टॉवर
लोगों के सपनों का घर खाक
नई दिल्ली/नोएडा। भारत में पहली बार इतनी बड़ी गगनचुंबी इमारत ट्विन टॉवर नोएडा की एक धमाके के साथ ही जमींदोज हो गयी। मात्र 9 सेकेंड में जहां घमंड चूर हो गया और वहीं लोगों के सपनों का घर खाक हो गया। यह बिल्डर के लिए बड़ा सबक है। गगनचुंबी ट्विन टॉवर को आज रविवार को ढाई बजे विस्फोट करके गिरा दिया गया है।
इसके साथ ही होम बायर्स के वो सपने भी ध्वस्त हो गए हैं, जो बिल्डर ने इस प्रोजेक्ट को शुरू करते हुए उन्हें दिखाए थे । टॉवर के गिरते ही नामी बिल्डरों का घमंड भी चूर हो गया है।
बता दें कि धमाके के बाद इलाके में धुंए का अंबार लगा है। इमारत के ध्वस्त होते ही होम बायर्स के वो सपने भी ध्वस्त हो गए, जो बिल्डर ने इस प्रोजेक्ट को शुरू करते हुए उन्हें दिखाए थे।
बता दें कि ट्विन टावर देश के नामी बिल्डर सुपरटेक के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार था। इसमें 3, 4 और 5 BHK के फ्लैटों बनाये गए थे। बिल्डर की योजना दोनों टावरों को 40 मंजिल बनाने की थी, लेकिन बीच में ही मामला कोर्ट में चला गया और काम पर रोक लग गई और इसे 32 मंजिला बनाया गया। इन टावरों में 950 फ्लैट्स थे, जो अब ध्वस्त हो चुके हैं या कहें कि इतिहास बन गया है।
सुपरटेक ट्विन टावर को एनओसी देने वाले 3 अधिकारियों पर पहले ही हो चुका है मुकदमा दर्ज सुपरटेक ट्विन टावर को एनओसी देने वाले 3 पूर्व चीफ फायर ऑफीसर्स के खिलाफ कुछ दिन पहले मुकदमा दर्ज किया गया है।आरोप है कि उन्होंने नियमों को दरकिनार करके एनओसी जारी की थी। FIR दर्ज कराने के आदेश अपर मुख्य सचिव गृह ने गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर को दिए थे। ये तीनों अधिकारी अब रिटायर हो चुके हैं। गौरतलब है कि एमरोल्ड कोर्ट सोसाइटी के टावरों की एनओसी जारी करने की अनियमितता को लेकर जांच चल रही थी, जिसके बाद डीआईजी फायर सर्विस आकाश कुलहरि डायरेक्टर जेके सिंह और अनिमेष कुमार सिंह की कमेटी ने यह रिपोर्ट दी जिसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया है। बता दें कि मुकदमे के मुताबिक, नोएडा में तैनात रहे सीएफओ राजपाल त्यागी, महावीर सिंह और आईएस सोनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए। ये तीनों अधिकारी रिटायर भी हो चुके हैं। इन तीनों के खिलाफ धारा 217, 11 उत्तर प्रदेश अग्निशमन निवारण और अग्नि सुरक्षा अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।