कुलपति डा0 ध्यानी ने दिलाई ’हिमालय प्रतिज्ञा’, दिये तीन महत्वपूर्ण सुझाव

कुलपति डा0 ध्यानी ने दिलाई ’हिमालय प्रतिज्ञा’, दिये तीन महत्वपूर्ण सुझाव
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  • हिमालय के समग्र विकास हेतु बने केन्द्र में ’हिमालय नीति’
  • हिमालय के चहुमुखी विकास हेतु केन्द्र में बने ’हिमालय पर्यायवरण एवं विकास मंत्रालय’
  • हिमालयी जागरूकता हेतु घोषित हो ’राष्ट्रीय हिमालय दिवस’

टिहरी गढ़वाल। राज्य में हिमालय दिवस और दैनिक समाचार पत्र हिन्दुस्तान द्वारा ’हिमालय बचाओं अभियान’ के तहत श्रीदेव सुमन उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय के कुलपति डा0 ध्यानी ने विश्वविद्यालय से सम्बद्धता प्राप्त सभी 192 महाविद्यालयो/संस्थानों को निर्देश अवगत कराये थे कि वह अपने संस्थान/महाविद्यालय में सभी छात्र छात्राओं, शिक्षकों व कर्मचारियों को हिमालय के संरक्षण एवं सम्बर्धन हेतु ’हिमालय प्रतिज्ञा’ जरूर दिलवायें। इस क्रम में आज सैकेड़ों छात्र छात्राओं, शिक्षकों व कर्मचारी द्वारा हिमालय के संरक्षण एवं सर्वधन हेतु ’हिमालय प्रतिज्ञा’ ली गयी।

कुलपति डा0 ध्यानी ने भी विश्वविद्यालय मुख्यालय में सभी अधिकारियों व कर्मचारियों को ’हिमालय प्रतिज्ञा’ दिलाई और कहा कि भारतीय हिमालय क्षेत्र के समग्र विकास के लिये ’हिमालय नीति’ जरूर बननी चाहिए, हिमालय के चहुमुखी विकास हेतु केन्द्र में ’हिमालय पर्यावरण एवं विकास मंत्रालय’ की स्थापना होनी चाहिए और वर्ष के एक दिन को ’राष्ट्रीय हिमालय दिवस’ के रूप में घोषित किया जाना चाहिए। हिमालय के विज्ञान सम्मत विकास के प्रति समर्पित डा0 ध्यानी एक प्रख्यात अन्तराष्ट्रीय वैज्ञानिक हैं और प्रतिष्ठित शिक्षाविद। उन्हें भारतीय हिमालय एवं हिन्दूकुश हिमालय क्षेत्र में शोध एवं विकासात्मक कार्य करने का 41 वर्षो से अधिक का वृहद अनुभव है। डा0 ध्यानी के अभी तक 305 से ज्यादा वैज्ञानिक प्रकाशन प्रकाशित हो चुके हैं, जिसमें 05 नीतिगत दस्तावेज भी शमिल हैं।


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Govind Pundir

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