टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड कोटेश्वर में कवि सम्मेलन का आयोजन

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टिहरी गढ़वाल 26 नवम्बर। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड कोटेश्वर में गत दिवस एक हास्य कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि कार्यपालक निदेशक (टीसी) श्री यू. के. सक्सेना, कार्यपालक निदेशक (पीएमपी), श्री एस. पी. जोशी, महाप्रबंधक (परियोजना) कोटेश्वर, श्री. ए. के. घिल्डियाल, महाप्रबंधक, नियोजन श्री अभिषेक गौड़, महाप्रबंधक, ओएंडएम, श्री आर. आर. सेमवाल, महाप्रबंधक, यांत्रिक, श्री. एम. के. सिंह, महाप्रबंधक, (स्टेज प्रथम ), श्री अजय वर्मा, अपर महाप्रबंधक मानव संसाधन एवं प्रशासन डॉ. ए. एन. त्रिपाठी एवं कवियों द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया। तथा शॉल भेंट कर कवियों का सम्मान  किया गया।

कवि सम्मेलन में देश के प्रख्यात कवि श्री चिराग जैन हास्य रस, शम्भू शिखर हास्य रस, हमत पांडे ( हास्य रस), सुश्री मनीषा शुक्ला (श्रृंगार रस श्री गोविंद राठी हास्य रस) आमंत्रित थे।

कवियों के परिचय के साथ ही कार्यक्रम की शुरुआत सुश्री मनीषा शुक्ला के मां सरस्वती वंदना से शुरू हुई। इसके पश्चात उन्होंने श्रृंगार रस की कविता से श्रोताओं को भाव विभोर कर दिया-

प्रीत से जगी बावरी हो गई. इक कसौटी को छूकर बरी हो गई..

एक सूखे बांस का अंश थी. कृषण ने जब छुआ, बांसुरी हो गई.

-चिराग जैन ने मंच संचालन के साथ इस तरह से प्रस्तुति पेश की-

ग़मों का दौर है आफत में जान है, लेकिन कुछ ऐसा रंग चढ़े और हो जाय फिर एक बार उत्सवों पे नूर आया है, फिर एक बार ठहाकों का दौर हो जाय “

हेमंत पांडे ने नेताओं पर चुटकी लेते हुए कहा

” एक नेता जी जिन्दगी से ऊब गए, बिना बताए गंगा जी में डूब गए.

जहां होनी थी पूजा वहां रैली हो गई, तभी से राम तेरी गंगा मैली हो गई.

कवि गोविंद राठी ने कुछ इस अंदाज में कहा-

हर युग में सियासत की अपनी व्यवस्थायें होती हैं. पहले द्रौपदियों की इज्जत सभाओं में लुटती थी. आजकल इज्जत लुटने के बाद सभाएं होती हैं।

हास्य रस के जाने-मने कवि शम्भू शिखर ने श्रोताओं का मनोरंजन कुछ इस तरह से किया-

“नफरत में भी मैं प्यार का कलरव हूँ मनाओ

पोशाक पुरानी लिए अभिनव हूँ मनाओ

रोने के लिये और भी महफिल हैं जंहा में शम्भू शिखर मैं हास्य का उत्सव हूँ मनाओ

इस हास्य धारा में कवियों द्वारा श्रोताओं का भरपूर मनोरंजन करते हुए समाज में व्याप्त बुराइयों पर तंज कसे एवं वर्तमान में नेताओं एवं राजनीतिज्ञों की तिकड़ी के मोहजाल से बचने की हिमाकत करते हुए हिंदी भाषा को सम्मान एवं नई दिशा देने का प्रयास श्रोताओं के साथ अत्यधिक सफल रहा।

कार्यक्रम में मा.स एवं प्रशासन विभाग के विभागाध्यक्ष डा. ए.एन. त्रिपाठी, श्री इन्द्र राम नेगी, प्रबंधक हिंदी विभाग. आर. डी. ममगाई, उप प्रबंधक (जनसंपर्क) एवं एस एस गणा, प्रबंधक, श्री गिरीश उनियाल, उप प्रबंधक के अलावा टिहरी एवं कोटेश्वर परियोजना के कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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Govind Pundir

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