अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के अनुदान बंद किए जाने सम्बन्धी शिक्षा सचिव के बयान का किया विरोध

अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के अनुदान बंद किए जाने सम्बन्धी शिक्षा सचिव के बयान का किया विरोध
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टिहरी गढ़वाल 17 जून 2023। अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के अनुदान बंद किए जाने सम्बन्धी शिक्षा सचिव के बयान का अशासकीय विद्यालयों के प्रबन्धसमिति के प्रवन्धकों ,अध्यक्षों , प्रधानाचार्यों , शिक्षकों एवँ कर्मचारी के साथ ही उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ टिहरी गढ़वाल ने कड़ा विरोध जताया है ।
शिक्षा सचिव द्वारा दिये गए बयान के समाचार पत्रों में छपे बयान पर जनपद टिहरी गढ़वाल के अशासकीय विद्यालयों में कड़ा रोष देखने को मिला है ।
उक्त बयान पर उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ टिहरी गढ़वाल के जिलाध्यक्ष महादेव मैठाणी ने कहा कि अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय निरन्तर दुर्गम क्षेत्रो में अपने निजी संसाधनों से बेहतर एवँ गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर रहे हैं और उस वर्ग के छात्रों को शिक्षा प्रदान कर रहे हैं जो शहरी क्षेत्रों में जाकर अपने बच्चों को पढ़ाने में असमर्थ हैं साथ ही यह विद्यालय शिक्षा के अभाव से हो रहे ग्रामीण क्षेत्रों में हो रहे पलायन को भी रोकने का काम कर रहे हैं लेकिन विभागीय अधिकारियों द्वारा इन विद्यालयों के खिलाफ लगातार षडयंत्र किए जा रहे हैं औऱ इन विद्यालयों में कड़ी मेहनत कर उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम देने वाले शिक्षकों का एवँ छात्र छात्राओं का मनोबल गिराने का काम कर रहे हैं जबकि ये विद्यालय सरकार द्वारा सभी महत्वपूर्ण कार्यक्रमों एवँ निर्देशों का अक्षरशः पालन करते हैं इसके बावजूद भी सरकार द्वारा इन विद्यालयों के शिक्षकों एवँ छात्रों को राजकीय कार्मिकों की भाँति सभी सुविधाये नहीं दी जाती हैं और इन विद्यालयों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता रहा है और अब मानकों के नाम पर इन विद्यालयों का उत्पीड़न करने की साजिश की जा रही है और साजिश के तहत इन विद्यालयों के शिक्षक कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया को भी रोक के रखा गया है ।
जँहा तक मानकों का सवाल है तो सरकार अपने राजकीय विद्यालयों में सभी संसाधनों को झोंककर भी मानक पूर्ण नहीँ कर पा रही है और जनता के द्वारा संचालित इन विद्यालयों का मानक के नाम पर उत्पीड़न की साजिश की जा रही है जबकि इन विद्यालयों की मानकों के साथ ही परिक्षा फल एवँ शिक्षा की गुणवत्ता में सरकारी विद्यालयों से अच्छी स्थिति है ।
अशासकीय विद्यालयों के प्रबन्धसमिति के प्रबंधकों, अध्यक्षों , प्रधानाचार्यों ,शिक्षक कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि अशासकीय विद्यालयों के अनुदान में छेड़छाड़ का कुप्रयास किया गया और अशासकीय विद्यालयों में नियुक्ति प्रक्रिया अविलंब शुरू नहीं की गई तो इसके लिए जन आंदोलन किया जायेगा औऱ सरकार को इसके दुष्परिणाम भुगतने पड़ेंगे।
विरोध करने वालोँ में प्रबंधक रविन्द्र सकलानी , गोविंद सिंह पंवार , सतीश पंवार , योगेश राणा, गिरवीर सिंह नेगी ,परेश्वर बडोनी , भरत सिंह गुसाईं ,अब्बल सिंह रावत, धनी लाल , आंनद सिंह रावत, अध्यक्ष कौशल्या रमोला , रतन मणि भट्ट , विनोद डबराल ,प्यार चंद रमोला ,प्रमोद चंद प्रधानाचार्य महावीर प्रसाद भट्ट , नारायण लाल शाह ,मोती राम कनस्वाल, अमरजीत रौथाण ,आराधना कुकरेती ,सुंदर लाल नौटियाल, जगदीश चमोली, शिवा नंद जोशी ,चन्द्रमणि उनियाल, कुंवर सिंह बुटोला , राजेश पंवार ,धनजंय रावत ,विजेंद्र सिंह राणा , उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष महादेव मैठाणी , ज़िलामंत्री सुरेंद्र रावत, कोषाध्यक्ष देवेंद्र श्रीकोटी, उपाध्यक्ष सतीश थपलियाल ,उत्तम सिंह नेगी ,वेणी प्रसाद उनियाल ,ममता थपलियाल , उषा रांगड़ ,मंत्री त्रिलोक भंडारी , राजेश बहुगुणा ,मनोहर डबराल ,भास्कर सेमवाल ,दिनेश भट्ट ,कुलदीप रावत , मोर सिंह नेगी, शिव ससिंह रावत, श्री कृष्ण उनियाल, रमेश शाह , श्री कृष्ण सेमवाल ,वीरेन्द्र राणा, नीलकंठ व्यास, बालम रमोला, राजीब पैन्यूली, विजेंद्र रतूड़ी ,विशाल रावत, सुरेंद्र राणा, गिरधारी लाल बिजलवान, राकेश डबराल ,कांति प्रशाद अंथवाल, नवीन बडोनी ,विनोद बिजल्वाण , रोशन लाल भट्ट ,दौलत भंडारी ,रणवीर तोपवाल ,सुरेश ममगाईं , श्री निवास उनियाल , मान सिंह नेगी ,विजय पाल सिंह ,सुनील उनियाल आदि शामिल थे।


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Govind Pundir

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