पूर्णाहुति व भंडारे के साथ शिव महापुराण कथा संपन्न

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भगवान शिव पापों का नाश करने वाले देव हैं-डॉ दुर्गेश आचार्य

टिहरी गढ़वाल 21 सितम्बर। शिव महापुराण के कथा वाचक राष्ट्रीय संत डॉ दुर्गेश आचार्य के सानिध्य में बौराड़ी स्टेडियम में 11 सितम्बर से 21 सितंबर तक आयोजित शिव महापुराण कथा का समापन बृहस्पतिवार को पूर्णाहुति एवम भंडारे के साथ हुआ। जिसमें बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरुष शामिल हुए। इससे पूर्व कथा स्थल पर पूजा अर्चना की गई तथा सत्येश्वर महादेव मंदिर में विश्व शांति व विभिन्न आपदाओं में मृत आत्माओं की शांति के लिए हवन किया गया।

पूज्य व्यास जी ने अंतिम दिन की कथा सुनाते हुए भक्तों से कहा कि शिव के महात्म्य से ओत-प्रोत यह पुराण शिव महापुराण के नाम से प्रसिद्ध है। भगवान शिव पापों का नाश करने वाले देव हैं तथा बड़े सरल स्वभाव के हैं। इनका एक नाम भोला भी है। अपने नाम के अनुसार ही बड़े भोले-भाले एवं शीघ्र ही प्रसन्न होकर भक्तों को मनवाँछित फल देने वाले हैं। 

पूज्य व्यास जी ने कहा कि शिव का नाम, विभूति (भस्म) तथा रुद्राक्ष ये तीनों त्रिवेणी के समान परम पुण्यमय माने गये हैं। जहाँ ये तीनों शुभतर वस्तुएँ सर्वदा रहती हैं, उसके दर्शन मात्र से मनुष्य त्रिवेणी-स्नान का फल पा लेता है। भगवान शिव का नाम ‘गंगा’ है, विभूति ‘यमुना’ मानी गयी है तथा रुद्राक्ष को ‘सरस्वती’ कहा गया है। इन तीनों की संयुक्त त्रिवेणी समस्त पापों का नाश करने वाली है। राष्ट्रीय संत ने शिव पुराण के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि शिव पुराण में सात संहिताओं विद्येश्वर संहिता, रुद्र संहिता, शतरुद्र संहिता, कोटिरुद्र संहिता, उमा संहिता, कैलास संहिता, वायु संहिता का समावेश है।

व्यास जी ने कहा कि धार्मिक आयोजनों में भावनाएँ होनी जरूरी है। सगुण, साकार सूर्य, चंद्रमा, जल, पृथ्वी, वायु यह एक शिव पुराण का स्वरूप हैं। उन्होंने कहा कि अपने चारों ओर सदैव वातावरण शुद्ध रखें। जहां स्वच्छता और शांति होती है, वहां देवताओं का वास होता है। जल,वायु, पेड़ एक चेतन से लेकर जड़ चेतन में आकर एक-दूसरे के सहायक बनते हैं। जहां अधार्मिकता बढ़ जाती है और कर्म को भूल जाते हैं, वहां शिव और शक्ति दोनों नहीं होते। 

व्यास जी ने कहा कि भगवान शिव ही मनुष्य को सांसारिक बन्धनों से मुक्त कर सकते हैं, शिव की भक्ति से सुख व समृद्धि प्राप्त की जा सकती है। कहा कि इस अलौकिक शिवपुराण की कथा सुनना अर्थात पाप से विमुक्त होना है। शिव महापुराण में कथा के बाद भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।

https://youtube.com/@mahamayaprasadji?si=5Hr0KpsxEA9HnnQD

इस मौके पर वयोवृद्ध सामाजिक कार्यकर्ता बचन सिंह रावत, मुख्य कृषि अधिकारी अभिलाषा भट्ट, इं सतीश भट्ट, पालिकाध्यक्ष सीमा कृशाली, त्रिलोक रमोला, जनवीर राणा, सभासद उर्मिला राणा, विजय सिंह रावत, मोहन सिंह रावत (मोनू) डीसीडीएफ अध्यक्ष अनुसूया नौटियाल, मस्ता सिंह नेगी, भाजपा जिला महामंत्री उदय रावत, एडवोकेट माधुरी पांडेय, पूर्व प्रमुख विजय गुनसोला, जगदम्बा रतूड़ी, लक्ष्मण रावत, आनंद घिल्डियाल, गिरिजा प्रसाद सेमवाल, महंत गोपाल गिरी, निर्मला बिजल्वाण, रुक्मिणी रावत, एडवोकेट वीरेंद्र रावत, सुमति सजवाण, जगतमणि पैन्यूली, नित्यानंद बहुगुणा, भगवती भद्री, महिमा नन्द नौटियाल, नवीन सेमवाल, विशन सिंह रांगड़, आदि मौजूद रहे। मंच का कुशल संचालन श्री सतीश थपलियाल जी ने किया।


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Govind Pundir

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