अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रान्तीय महामंत्री महादेव मैठाणी का किया जोरदार स्वागत

अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तराखंड के प्रान्तीय महामंत्री महादेव मैठाणी का किया जोरदार स्वागत
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टिहरी गढ़वाल 22 अक्टूबर। उत्तराखंड अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ के महामंत्री बनने के बाद पहली बार विकास खण्ड भिलंगना के भ्रमण पर जिलाध्यक्ष, ज़िला मंत्री एवँ अन्य पदाधिकरियों के साथ पँहुचे महादेव मैठाणी ने भिंलग क्षेत्र के जूनियर हाईस्कूल ज्यूंदाना ,जूनियर हाईस्कूल लैनी, जूनियर हाईस्कूल सांकरी , उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बुगिला धार ,इंटरमीडिएट कॉलेज घुत्तू उच्चतर माध्यमिक विद्यालय चमियाला , पट्टी ग्यारह गांव एवँ हिन्दाव क्षेत्र के इंटर कॉलेज मैगा धार , उच्चतर माध्यमिक विद्यालय घेराधार मुंडेति, जूनियर हाईस्कूल अंथवाल गांव , उच्चतर माध्यमिक विद्यालय हुलानाखाल ,कन्या जूनियर हाईस्कूल हुलानाखाल , जूनियर हाईस्कूल थार्ती नैलचामी , कनकपाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्वीडांग , इंटरमीडिएट कॉलेज द्वारी थापला आदि विद्यालयों का भ्रमण कर शिक्षक कर्मचारियों की समस्याओं को सुना । इस दौरान सभी विद्यालयों में उनका तथा उनके साथ भ्रमण कर रहे अन्य लोगों का भी जोरदार स्वागत हुआ ।
अपने तीन दिवसीय भिलंगना क्षेत्र के भ्रमण से लौटकर प्रान्तीय महामंत्री महादेव मैठाणी ने कहा कि सबसे बड़ी समस्या अशासकीय विद्यालयों में शिक्षकों की है क्योंकि सरकार बार बार नियुक्तियों पर रोक लगाकर नियुक्ति प्रक्रिया बाधित कर रही है जिस से पठन पाठन में बहुत नुकसान हो रहा है साथ ही इन विद्यालयों के साथ सरकार निरन्तर भेदभाव कर रही हैकाम के समय पर चुनाव ड्यूटी और अन्य सरकारी कार्यक्रमों के दौरान यह कह कर सरकार इनसे काम लेती है कि आप सरकारी वेतन लेते हैं लेकिन सुविद्याएँ देते समय इन्हें प्राइवेट के तौर पर देखा जाता है वैसे ही विद्यालयों में पढ़ रहे छात्र छात्राओं के साथ भी सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है इन्हें ड्रेस, खेल सामग्री ,प्रयोगशाला भवन एवँ सामग्री ,टैबलेट आदि कोई सुविद्याएँ नहीं दी जा रही हैं इसके बावजूद अशासकीय विद्यालय निरन्तर अच्छा परीक्षा फल दे रहे हैं शिक्षकों के गोल्डन कार्ड अभी तक नहीं बन पाए हैं 2014 के बाद नियुक्त शिक्षकों एवँ कर्मचारियों की सामूहिक बीमा कटौती अभी तक लागू नहीं हो पाई है राजकीय विद्यालयों केडाउन ग्रैड प्रधनाचार्य ढाई वर्षों में पूर्ण रूप से प्रधlनाचार्य रहे हैं लेकिन अशासकीय विद्यालयों में अभी तक इसे पाँच साल का प्राविधान रखा गया है।तदर्थ की सेवाओँ का लाभ उत्तर प्रदेश से मिलता आ रहा था लेकिन अब उत्तराखंड में उसे भी रोक दिया गया है यदि अविलम्ब उक्त समस्याओं का निस्तारण नहीं किया गया तो अशासकीय शिक्षक आंदोलन के लिए मजबूर होकर सड़क पर उतर जायेंगे ।
भ्रमण के दौरान अशासकीय माध्यमिक शिक्षक संघ उत्तराखंड के नव मनोनीत जिलाध्यक्ष विनोद बिजल्वाण, ज़िला मंत्री शिव सिंह रावत ,प्रान्तीय कार्यकरिणी सदस्य नबीन बडोनी ,संघ के पदाधिकारियों में श्री निवास उनियाल ,सुरेश ममगाईं ,दिनेश चंद्र भट्ट, दौलत सिंह भंडारी, रमेश शाह आदि कई शिक्षक साथ में थे।


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Govind Pundir

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