श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय एवं एस. आर. एशिया के मध्य हुआ करार

श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय एवं एस. आर. एशिया के मध्य हुआ करार
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टिहरी गढ़वाल 8 मई 2024। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय एवं एस.आर. एशिया के मध्य एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर आज हस्ताक्षर हुए। जिसकी वैधता पांच वर्ष होगी। दोनों संस्थाओं के मध्य एमओयू की प्रक्रिया पिछले कुछ समय से गतिमान थी जो अंततः 7 मई 2024 को पूरी हुई।

एस.आर. एशिया एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो अनुसंधान एवं विकास, अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलनों, सेमिनारों, प्रशिक्षण एवं सलाहकार सेवाओं के माध्यम से निगमित सामाजिक उत्तरदायित्व (सीएसआर) एवं सतत विकास को बढ़ावा देता है।
इस एमओयू का उद्देश्य सतत विकास के अंतर्गत सरकारी संगठनों, पीएसयू, कॉर्पोरेट एवं एनजीओ क्षेत्र के लिए सीएसआर, स्थिरता एवं सतत विकास से संबंधित प्रशिक्षण एवं क्षमता निर्माण कार्यशालाओं की श्रृंखला आयोजित करना है।
इस मौके पर श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.एन.के. जोशी ने कहा दोनों संगठनों को संयुक्त रूप से स्कूलों, कॉलेजों, युवा पेशेवरों तथा गैर सरकारी संगठनों के लिए सीएसआर पर कार्यशालाएं आयोजित करने का अवसर मिलेग। श्रीदेव सुमन उत्तराखंड विश्वविद्यालय के अनुसंधान व विकास प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. गुलशन कुमार धींगरा के कहा कि दोनों संस्थानों के बीच सतत विकास के अंतर्गत सस्टेनेबिलिटी रिपोर्टिंग एवं आश्वासन सेवाओं का प्रशिक्षण, आवश्यकता आकलन, पर्यावरण प्रभाव आकलन, निगरानी एवं मूल्यांकन की अहम् भूमिका रहेग।

इसी क्रम में एस.आर. एशिया के अंतरराष्ट्रीय निदेशक श्री बीरेन्द्र रतूड़ी ऑनलाइन माध्यम से जुड़े एवं कहा कि सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए एक दूसरे के साथ साझेदारी से राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय कार्यशालाओं की श्रृंखला का आयोजन, सीएसआर, कॉर्पोरेट नैतिकता, सीएसआर कार्यान्वयन पर प्रबंधन विकास कार्यक्रम महत्वपूर्ण रहेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय को सीएसआर कार्यान्वयन के लिए भागीदार के रूप में एस.आर. एशिया को बढ़ावा देनें की इच्छा ज़ाहिर की। समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर होने पर पंडित ललित मोहन शर्मा परिसर के निदेशक प्रो.एम.एस. रावत ने दोनों संस्थाओं को शुभकामनाएं प्रेषित की।

इस मौके पर परिसर से विभागाध्यक्ष राजनीती विज्ञान प्रो. डी. के. पी. चौधरी, जंतु विज्ञान के प्रो. डी. एम. त्रिपाठी एवं रसायन विज्ञान के प्रो. हितेंद्र सिंह उपस्थित रहे।


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Govind Pundir

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